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स्कूल टूर्नामेंट में गड़बड़ियों की आशंक, जिला प्रशासन तक भी पहुंची शिकायत
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। खेल के मैदान स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का एक अनूठा उदाहरण होते हैं। यही खेल घपले गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का नमूना बन रहे हैं। और हालात यह है कि इसका खामियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है। मनमर्जी से लगी ड्युटियों की स्थितियों के चलते जिले में अब तक आयोजित हुए स्कूल टूर्नामेंट से भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों की आशंका बढ़ने लगी है। कहीं खेलों में अंतिम सूचियां पर विवाद गहरा रहा है तो दो खेलों में जांच कमेटी बनाकर जांच की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि इन हालातो के पीछे जिले में शारीरिक शिक्षा के उप जिला शिक्षा अधिकारी आजाद पठान की भूमिका है। लगातार बदतर होते जा रहे हैं हालातो के बीच जिले के स्कूली खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर है। एक और जहां राजस्थान स्कूली शिक्षा के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर शुरू होने जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर जिले के खिलाड़ियों को लेकर स्कूल टूर्नामेंट में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। और उनके लिए जिम्मेदार अधिकारी अब कन्नी काटते दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल इन स्थितियों को लेकर हालात खिलाड़ियों के पक्ष में नहीं है। कल की जिला कलेक्टर आलोक रंजन दिए हैं लेकिन स्थितियां अभी स्पष्ट नहीं है।
बास्केटबॉल वॉलीबॉल और बॉक्सिंग में जारी विवाद
विद्यालय जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं में जिले में आयोजित हुए टूर्नामेंट के दौरान तीन प्रतियोगिताओं में विवाद लगातार जारी है। बॉक्सिंग में एक प्रतिभागी को अंडर वेट खिला दिया गया। जब गड़बड़ी पकड़ में आई और पिता द्वारा शिकायत की गई तो पहले तो छात्र पर दबाव बनाया गया बाद में विभाग की जांच शुरू कर दी गई। इसी तरह बास्केटबॉल में अंतिम सूची को लेकर मुख्य चयन करता द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए गए और इसका विवाद भी जिला प्रशासन तक पहुंचा बाद में अंदर खाने बात निपटाकर जिला टीम का चयन किया गया। वही वॉलीबॉल भी इससे अछूता नहीं है वॉलीबॉल में तो स्थिति यह है कि फाइनल खेलने वाली टीम का नाम ऑनलाइन नहीं किया गया और नतीजा यह है कि अब खिलाड़ी ऑनलाइन नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में ऑनलाइन होने पर ही खिलाड़ी राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में भाग ले सकते हैं ऐसी स्थिति में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बावजूद खिलाड़ी खुद वॉलीबॉल की तरह एक हाथ से दूसरे हाथ में झूल रहे हैं और शिक्षा विभाग जांच के नाम पर दोषियों को बचाने की कवायद में जुटा हुआ है।
उप जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका पर सवाल
जिले में शारीरिक शिक्षा में उप जिला शिक्षा अधिकारी का पद संभाल रहे आजाद पठान की भूमिका सवालों के घेरे में है। हालांकि इन गड़बड़ियों को लेकर जांच टीम में खुद पठान शामिल है। लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस पूरी गड़बड़ी के पीछे जवाबदेही भी उन्ही की है। पारदर्शिता के नाम पर नियमों के विपरीत अपने चहेतों को चयनकर्ता लगा दिया। पर्दे के पीछे से असल खिलाड़ी आजाद पठान है जो अब खुद ही जांच करता बनकर बैठे हैं। अब खिलाड़ियों के भविष्य का चाहे जो हो इन गड़बड़ियों और घपलों को अंजाम देने वाले अधिकारी के चहेते अधिकारी के नाम की तर्ज पर कार्रवाई से आजाद रहेंगे। 23 सितंबर को राजस्थान कैंप के लिए जिले की टीम को भेजा जाना है लेकिन फिलहाल यह टीम जांच के दायरे में और जांच के बाद निर्णय किया जाएगा की किस प्रकार समाधान निकाला जा सकता है। फिलहाल खिलाड़ियों के भविष्य पर ऑनलाइन नहीं किए जाने के चलते तलवार लटकी हुई है।
जिला कलेक्टर आलोक रंजन हुए गंभीर
शिक्षा विभाग में स्कूल टूर्नामेंट में चल रही गड़बड़ियों की शिकायत को लेकर जिला कलेक्टर आलोक रंजन पूरी तरह गंभीर दिखाई दे रहे हैं। शिकायत मिलने पर उन्होंने विभाग के अधिकारियों को तलब किया वही पूरे मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन और सरकार जहां पूरी तरह से गंभीर है वहीं सरकार के आयोजनों को लेकर जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी केवल औपचारिकता करते दिखाई दे रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि स्कूली टूर्नामेंट में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के भविष्य को कैसे बचाया जा सकता है।