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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ में पहली बार मां कामाख्या देवी दीक्षित संतों के द्वारा शहर के नजदीकी गांव सावा में मिणों का कंथारिया रोड़ आईटीआई काॅलेज के पास स्थित राघव गोविंद गौशाला में नो रात्रि के प्रथम दिन मां कामाख्या देवी की स्थापना के साथ विधि विधान से हवन पूजन प्रारंभ किया गया। जिसमें चित्तौड़गढ़ से आकाश शर्मा के द्वारा मां कामाख्या की स्थापना ब्रम्ह मुहूर्त में करवा कर चित्तौड़गढ़ के समाजसेवी अभियंता अनिल सुखवाल सपत्नीक बिंदु पाण्डिया एवं चंदेरिया निवासी जगदीश सिंह राज पुरोहित सपत्नीक उर्मिला कंवर राज पुरोहित द्वारा मां कामाख्या का कलश स्थापित करवा कर हवन विधि विधान पूर्वक आरंभ किया गया इस दौरान विधि विधान से कन्या पूजन एवं नाग देवता की पूजा भी करवाई गई। मां कामाख्या की स्थापना विधि विधान से आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां कामाख्या दिक्षित संत कुंदन दास महाराज द्वारा करवाई गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार नव रात्रि के नो दिन और रात मिलाकर 216 घंटे तक अखंड मां कामाख्या यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
राघव गोविंद गौशाला के संत राघव नाथ "सरकार" ने बताया कि चित्तौड़गढ़ सहित पूरे राजस्थान में गौ माताएं बहुत दुःखी प्रतीत हो रही है जो कि गौ शालाओं की बजाए सड़कों पर दुर्घटना का शिकार हो रही है इन गौ माताओं को भय मुक्त, रोग मुक्त एवं दुर्घटना मुक्त कर सुरक्षित करवाने के लिए राघव गोविन्द गौशाला सावा में नो रात्रि में दिन रात 216 घंटे तक अखंड मां कामाख्या यज्ञ आयोजित किया जा रहा है जिसमें गौ माता के साथ चित्तौड़गढ़ के जितने भी जन-जन एवं लाडले रोग, दोष एवं अवांछित दुर्घटना एवं भय से पीड़ित है को मुक्ति मिलेगी एवं मां कामाख्या के आशीर्वाद से समस्त राजस्थान की जनता के पाप, दोष मुक्त होकर उनको पुण्यदाई लाभ दिलाने के लिए यज्ञ किया जा रहा है। जिसमें चित्तौड़गढ़ सहित राजस्थान से आमजन एवं संत महंत पहुंचकर दर्शन लाभ प्राप्त करेंगे।
गौशाला में 6 सितंबर से प्रारंभ किए गए 45 दिवसीय अखंड रामनाम जप भी अनवरत जारी है।