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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। आम जनमानस में धर्म के प्रति आस्था और संस्कृति को जीवंत रखने के उद्देश्य से स्थापित किया गया रामायण मंडल आज एक वट वृक्ष होकर धर्म ध्वजा लेकर जन-जन में आस्था की लो जागृत कर रहा है। यह वट वृक्ष रामायण मंडल विगत 71 वर्षों से अनवरत रामायण पाठ कर रहा है।
जानकारी के अनुसार आम लोगों में सनातन धर्म के प्रति आस्था जागृत करने के उद्देश्य से परकोटे में सीमित चित्तौड़गढ़ में संत सुरेंद्र शरण स्वामी बेधड़क महाराज ने वर्ष 1956 में रामायण मंडल की स्थापना की। इस मंडल का उद्देश्य रामायण पाठ के माध्यम से लोगों में धर्म के प्रति आस्था पैदा करना खासकर युवा जो धर्म से विमुख हो रहे हैं उन्हें पुनः सनातन धर्म की मुख्य धारा में लाना था।
स्वामी बेधड़क महाराज द्वारा स्थापित रामायण मंडल में चित्तौड़गढ़ के संभ्रांत और धर्म पर विश्वास करने वाले सीताराम कालिया, छोगा लाल तोषनीवाल हुक्मीचंद काबरा , बंशी लाल जाजू , सोहनलाल बांगड़, बंशी लाल बल्दवा राधेश्याम सोमानी और हरक लाल भंडारी इस पुनीत कार्य से जुड़े और रामायण पाठ की शुरुआत की। रामायण मंडल द्वारा किए जाने वाले रामायण पाठ को लेकर आम लोगों में आस्था बड़ी और धीरे-धीरे कई लोग इस मंडल से जुड़ते गए यही नहीं रामायण मंडल में बहुत जल्द ख्याति प्राप्त की और मंडल हर घर तक पहुंच गया।
घरों में गूंजती रामायण की चौपाइयां
रामायण मंडल द्वारा किए जाने वाले रामायण पाठ को लेकर आम जन का रुझान भी रामायण पाठ की ओर बढ़ता गया। एक समय ऐसा था जब प्रत्येक रविवार को नगर के किसी ना किसी घर में रामायण पाठ की चौपाइयां गूंजती थी यह सिलसिला आज भी अनवरत चल रहा है। रामायण मंडल द्वारा प्रत्येक नवरात्र को नवाह्न रामायण पाठ का आयोजन रामद्वारा में किया जाता है जो आज भी 71 वर्षों से निर्बाध जारी है।
रामायण मंडल से जुड़े कई युवा
स्वामी बेधड़क महाराज द्वारा रामायण मंडल के रूप में स्थापित किया गया पौधा आज विशाल भट्ट वृक्ष के रूप में शुमार है। इस मंडल से जुड़े लोगों ने नए मंडलों की स्थापना कर इस मिशन को आज भी जारी रखा हुआ है। रामायण मंडल के अलावा चित्तौड़गढ़ में एक दर्जन से अधिक मंडल है जो चित्तौड़गढ़ तक ही सीमित नहीं है बल्कि चित्तौड़ से बाहर भी रामायण पाठ और सुंदरकांड के माध्यम से सनातन धर्म का प्रचार प्रचार कर रहे हैं। रामायण मंडल में कई युवा भी जुड़े हुए हैं जिसमें अभिनंदन काबरा ,सुमित हेड़ा , अभिषेक मूंदड़ा ,सौरभ सहित कई युवा है जो प्रति सप्ताह सुंदरकांड पाठ करते हैं। इनमें अभिनन्दन काबरा , सुमित हेड़ा जैसे कुछ युवा है जो अपने परिवार से लगातार तीसरी पीढ़ी से जुड़े हुए है
रामायण मंडल का बनेगा सत्संग भवन
रामायण मंडल के पास शहर के हजार ईश्वर काजू के पास जमीन है जहां पर एक भव्य सत्संग भवन का निर्माण प्रस्तावित है रामायण मंडल द्वारा सत्संग भवन की कार्य योजना तैयार की जा रही है इस भवन के बनने के बाद यह सत्संग भवन आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा जहां संत समागम के साथ-साथ धार्मिक गतिविधियां संचालित की जा सकेगी।