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बड़ीसादड़ी उपखंड क्षेत्र के
चैनपुरिया शारदीय नवरात्र
के उपलक्ष्य में बुधवार के दिन गवरी देखने केलिए हजारों ग्रामीण जुटे यह आयोजन चैनपुरिया गांव में मेवाड़ क्षेत्र की प्रसिद्ध बिलोदा गांव की गवरी काका भतीजा मामा भानेज की प्रसिद्ध गवरी कलाकार मोहनलाल कैलाश पप्पु लाल भील सहित कई कलाकारों ने जीवित प्रस्तुतियां दी दर्शक उनकी लोक परंपरा गवरी नृत्य अभिनय और भक्ति से सराबोर हो गए गवरी की प्रस्तुति में कलाकारों ने पारंपरिक लोक नाट्य शैली का मंचन किया जिसमें प्रमुख पात्र बुढ़िया लज्जा धज्जा राय इत्यादि देखें गए
बिलोदा गांव की प्रसिद्ध गवरी काका भतीजा मामा भानेज के कलाकारों कैलाश मोहनलाल पप्पु लाल भील ने बताया गया है कि शारदीय नवरात्र में 9 दिन तक चलने वाली गवरी कलाकार तपस्यापूर्वक नियमों का पालन करते हैं इसमें सिर्फ पुरुष कलाकार ही भाग लेते हैं इस दौरान वे नहाते भी नहीं साधारण भोजन लेते हैं और जमीन पर ही सोते हैं गवरी की प्रस्तुतियां ग्रामीणों के लिए सांस्कृतिक उत्सव का केंद्र बन जाती है और चैनपुरिया गांव में यह उत्साह देखा ग्रामीण महिलाएं बच्चे युवा सभी संस्कृति के इस अनुपम पर्व में सहभागिता करने बड़े ही उत्साह के साथ पहुंचे और गवरी कलाकारों ने अभिनय सवाद हास्य व भक्ति भाव को खूब सराहा इस आयोजन में पूरे इलाके को त्योहार के रंग में रंग दिया और ग्रामीण समाज की एकता और परंपराओं की विरासत को जीवंत किया इस अवसर पर चैनपुरिया गांव के समस्त ग्राम वासियों के द्वारा गवरी नृत्य का आयोजन करवाया गया यह जानकारी बिलोदा गांव की प्रसिद्ध गवरी कलाकार मोहनलाल कैलाश नाड़ा खेड़ा गांव के पप्पु लाल भील ने दी