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सीधा सवाल। चिकारड़ा। एकाएक मौसम परिवर्तन से आसमान में छाए काले बादल मेघ गर्जना के साथ बिजलिया चमकी तथा मध्यम क्रम की बरसात शुरू हुई। बरसात के चलते रोड पर पानी बहने लगा । तो दिन में ही अंधेरा होने से रात का अहसास होने लगा । मेघ गर्जना के साथ बिजली कड़कना इतना तीव्र था कि मानो बिजली यही गिर रही हो। इसके चलते ग्रामीण एकाएक दशहत में आ गए। इस छुटपुट बरसात के चलते ग्रामीण किसानों की माने तो खेतों में नमी पहुंचेगी इसके चलते मूंगफली निकालने में किसानों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। वही मक्का की फसल को थोड़ा नुकसान जरूर पहुंचेगी कटी हुई फसल पर बरसात गिरने से जहां एक और काली पड़ेगी वहीं निकालने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। किसान भेरूलाल ने बताया कि बरसात मौका परस्त नहीं होने से डूंगला क्षेत्र के नदी नाले बांध रीते पड़े हैं। हल्की बरसात से खेतों की उपज के साथ घास फूस तो पैदा हुआ लेकिन आने वाली फसलों के लिए पानी की कोई भी उम्मीद नहीं बनी। चारों ओर बरसात होने से मौसम के तापमान में गिरावट आई है। ईसके साथ ही मौसम सुहाना बन गया। यहां यह बता दे कि पिछले 10 दिनों से मौसम का तापमान तीव्र होने से ग्रामीण पसीने से तरबतर होता रहा । इस बरसात से जहा गर्मी से राहत मिली वही किसानों को फायदा भी पहुंचा है।