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मरमी में श्री मद् भागवत कथा समापन पर दक्षिणा के रूप में संत ने श्रद्धालुओं से मांगी भगवान की भक्ति

सीधा सवाल। राशमी। क्षेत्र के मरमी माता में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन रविवार को हुआ। कथा वाचक रामस्नेही संप्रदाय के संत दिग्विजय राम महाराज ने कथा समापन के अवसर पर श्रद्धालुओं से दक्षिणा के रूप में भगवान की भक्ति मांग कर भाव विभोर कर दिया। संत ने कहा कि प्रतिदिन प्रातः कम से कम 15 मिनट भगवान की भक्ति करोगे इससे बढ़कर मेरी कोई दक्षिणा नहीं हो सकती। कथा वाचन के दौरान महाराज ने कहा की
बिना भाग्य व प्रारब्ध के किसी को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है, समय से पहले व भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता है, जो व्यक्ति के भाग्य में नहीं होता है, वह नहीं मिलता और जो भाग्य में है वह गया हुआ भी लौटकर वापस आ जाता है l भाग्य और कर्म एक सिक्के के दो पहलू है न भाग्य को नकारा जा सकता है न हीं कर्म को भुलाया जा सकता हैl व्यक्ति के जीवन में कर्म की प्रधानता है, अतः व्यक्ति को अच्छे कर्म करना चाहिए । व्यक्ति को कर्म करते हुए परिणाम ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए । व्यक्ति को जो कुछ भी जीवन में प्राप्त होता है वह उसके प्रारब्ध का ही फल होता है । कभी-कभी व्यक्ति की सूली की सजा सूल में बदल जाती है । अतः भगवान की न्याय प्रणाली को दोष नहीं देना चाहिए l जीवन में माया कभी-कभी अभिशाप बन जाती है इस संसार में किसी का काम रुकता नहीं है जो नहीं है वह 'माया' है भागवत महापुराण में कहा गया है कि किसी को दान में दी गई वस्तु पुनः स्वीकार करने से 60 हजार वर्ष तक मल का कीड़ा बनना पड़ता है l इस संसार में मांगने से कुछ नहीं मिलता यदि मांगने से ही सब कुछ मिल जाता तो उस ईश्वर को कौन याद करता। सुख-दुःख ,संपत्ति , वैभव सब व्यक्ति को प्रारब्ध अनुसार प्राप्त होते हैं। जो प्रारब्ध भाग्य में लेकर आए हैं उनको भोगना ही पड़ता है। चिंता करने से कुछ नहीं होता ,होता वही है जो हमारे भाग्य में लिखा हैl भाग्य जीव को कहां से कहां ले जाता है आदमी का जन्म कहां होता है कहां बड़ा होता है और कहां वह रहता है यह सब भाग्य का खेल है l व्यक्ति का वास्तविक धन पुण्य है जो सुदामा के पास था l कथा में भगवान कृष्ण के विवाह ,जरासंध वध, कृष्ण सुदामा मित्रता ,राजा परीक्षित का मोक्ष प्रसंग सुनाते हुए भागवत कथा को विश्राम दिया गया। कथा समापन के अवसर पर संत दिग्विजय राम महाराज के सानिध्य में यजमान विजयवर्गीय परिवार के रामजस, दिनेश , हीरालाल विजयवर्गीय ने कथा के दौरान विविध रूप से सेवाएं देने वालों का अभिनंदन किया । इस दौरान कथा श्रावकों की ओर से कथा यजमानों का भी अभिनंदन किया गया। दूसरी ओर कथा आयोजन के क्रम में शनिवार शाम फूलों की होली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान राधा कृष्ण पर फूल बरसाए गए श्रद्धालुओं ने भजनों पर नृत्य किया।