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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। संत निरंकारी मिशन की सेवा भावना और मानव कल्याण के संकल्प को साकार करने हेतु ‘प्रोजेक्ट अमृत’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ परियोजना के तृतीय चरण का शुभारंभ रविवार को सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं सत्कार योग्य निरंकारी राजपिता रमित जी के आदेशानुसार चित्तौड़गढ़ में मुखी महात्मा धीरज पारेता के निर्देशन में किया गया, जिसमें लगभग 130 सेवादल एवं संगत ने सदस्यों ने गम्भीरी नदी तट सफाई अभियान में भाग लिया, सेवादल इंचार्ज राकेश शर्मा और इंदु चंचलानी ने सेवादल को अगल-अलग ग्रुप में बांट कर घाट से कुड़ा-कचरा, प्लास्टिक और काई आदि की सफाई की, 4 घण्टे चले सफाई अभियान में मिशन के सेवादल ने गम्भीरी नदी के दोनों तटों का चमका दिया। बड़ीसादडी, गंगरार, सादी, नयातालाब, मरमी, निम्बाहेडा आदि स्थानों से संत पधारे और सफाई अभियान में अपना योगदान दिया। निरंकारी मिशन हमेशा से ही सफाई अभियान, ब्लड डोनेशन, वृक्षारोपण आदि कार्यों में अग्रणी रहा हैं। इस परियोजना का उद्देश्य जल संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है, ताकि भावी पीढ़ियों को निर्मल जल और स्वस्थ पर्यावरण का वरदान प्राप्त हो सके। संत निरंकारी मिशन ने बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की प्रेरणादायक शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए वर्ष 2023 में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का शुभारंभ किया था। इस दिव्य पहल का उद्देश्य केवल जल स्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि जल संरक्षण को मानव जीवन का अभिन्न अंग बनाने की सोच को विकसित करना है। नदियों, झीलों, तालाबों, कुओं और झरनों जैसे प्राकृतिक जल स्रोतों की स्वच्छता एवं संरक्षण को समर्पित इस महाअभियान ने अपने पहले दो चरणों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। इसी प्रेरणा के साथ, इस वर्ष तृतीय चरण को और अधिक व्यापक, प्रभावी एवं दूरगामी दृष्टि से आगे बढ़ाया गया है, ताकि यह अभियान निरंतर विस्तार पाकर समाज में जागरूकता, सेवा और समर्पण की एक सशक्त लहर उत्पन्न करे।
संत निरंकारी मंडल के सचिव जोगिंदर सुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वृहद अभियान देशभर में 27 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 900 से अधिक शहरों में 1600 से भी अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया। इस महाअभियान की यह अभूतपूर्व व्यापकता इसे एक ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान करतीहैं, जिससे जल संरक्षण एवं स्वच्छता का संदेश और अधिक प्रभावशाली रूप से जन-जन तक पहुंचेगा।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी अक्सर यही प्रेरणा देते हैं कि हम इस धरती को और भी अधिक सुंदर स्वरूप में छोड़कर जाएं। यह अभियान उसी संकल्प का एक साकार स्वरूप है, जो समाज को जागरूकता, सेवा और समर्पण की दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य करेगा।