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सीधा सवाल। कनेरा। श्री मद् भागवत कथा अजोता के द्वितीय दिवस पर भागवत प्रवक्ता जयमाला दीदी वैष्णव ने कहा महादेव जी के जीवन से एवं उनके परिवार से शिक्षा लेना चाहिए। मिल जुलकर सहयोग से व समानता से रहना चाहिए।विषमता का समावेश नहीं होना चाहिए तभी ईश्वर के सच्चे भक्त बन सकते हैं।किसी से कोई बैर- ईर्ष्या ,लडाई झगड़ा नहीं करते हुए प्रेम से रहना ही ईश्वर की सर्वोपरि भक्ति हैं ।हम बड़े बुजुर्गो के पास बेठने,कथा सत्संग में जाने में से ही परम आनंद की अनुमति होती है। आजकल बच्चों में शिक्षा का बहुत अभाव है संस्कार माता पिता से मिलते हैं,जैसा हम बच्चों से बर्ताव करेंगे वही संस्कार के रूप में ग्रहण करेंगे।बच्चों को सनातन धर्म की शिक्षा देना परम आवश्यक है तभी देश ,समाज के प्रति जागरूक होकर अपनी जिम्मेदारी को समझ सकते हैं।कथा में अजोता,धारेश्वर,तुम्बीपुरा,मेलाना कनेरा, नयागांव,किरता,निम्बोदा, श्री पुरा आदि ग्रामों के श्रद्धालु भक्त रहे।