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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। न्युवोको विस्टास कॉर्प लिमिटेड, भारत की एक प्रमुख निर्माण सामग्री कंपनी, ने 30 जून को समाप्त तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की। 25 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष की संयुक्त स्थापित क्षमता के साथ, कंपनी लगभग 25 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता प्राप्त करने की राह पर है। वडराज सीमेंट लिमिटेड के सफल अधिग्रहण के बाद वित्त वर्ष 27 की तीसरी तिमाही तक 31 एमएमटीपीए सीमेंट क्षमता हासिल कर भारत में अपनी पाँचवीं सबसे बड़ी सीमेंट समूह की स्थिति को लाॅन्गटर्म तौर पर बरकरार रखा। हालांकि कंपनी पूर्वी भारत में एक अग्रणी कंपनी बनी हुई है, यह अधिग्रहण पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की न्युवोको की रणनीति के साथ सहज रूप से तालमेल में है। यह कंपनी और उत्पादों के भौगोलिक दायरा बढ़ाने और हितधारकों के लिए लाॅन्गटर्म में वैल्यू बढ़ाने के लिए पूरी क्षमताएं प्रदान करता है। कंपनी ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 5.1 एमएमटी की कंसोलिडिटेड सीमेंट बिक्री वाॅल्यूम हासिल की। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में आॅपरेशंस से कंसोलिडिटेड आय वर्ष-दर-वर्ष 9 प्रतिशत बढ़कर 2,873 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 533 करोड़ रुपये का अपना अब तक का आॅलटाइम हाई पहली तिमाही कंसोलिडिटेड एबिटिडा भी दर्ज किया। इसके अलावा, कंपनी अपने डीलीवरेजिंग एजेंडे के प्रति प्रतिबद्ध रही, जिससे समान-से-समान¹ शुद्ध ऋण वर्ष-दर-वर्ष 884 करोड़ रुपये कम होकर 3,474 करोड़ रुपये रह गया है। प्रीमियम उत्पाद कंपनी के लिए रणनीतिक प्राथमिकता बने हुए हैं, और वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में व्यापार मात्रा में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई। कंपनी ने 76 प्रतिशत का एक मजबूत बिज़नेस मिक्स भी हासिल किया है - जो पिछली 13 तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। न्युवोको कंक्रीटो और न्युवोको ड्यूरागार्ड उत्पाद पोर्टफोलियो की निरंतर गति, बेहतर निर्माण आवश्यकताओं के लिए विश्वसनीय साॅल्यूशंस के रूप में बढ़ती मान्यता को दर्शाती है। कंपनी के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए जयकुमार कृष्णास्वामी, प्रबंध निदेशक, न्युवोको विस्टास कॉर्प लिमिटेड ने कहा, “कंपनी ने तिमाही के दौरान अच्छी मात्रा में वृद्धि दर्ज की। इसने प्रीमियमाइजेशन और बिज़नेस मिक्स पर अपना विशेष ध्यान केंद्रित रखा, जिससे प्राप्तियों में वृद्धि हुई और कंपनी के इतिहास में पहली तिमाही का अब तक का सबसे अधिक कंसोलिडिटेड एबिटिडा प्राप्त हुआ। भविष्य में, हम निरंतर विकास को गति देने और अपनी बाजार उपस्थिति का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वडराज सीमेंट के सफल अधिग्रहण के बाद, कंपनी वित्त वर्ष 2027 की तीसरी तिमाही तक कच्छ और सूरत स्थित प्लांट्स का संचालन शुरू करने और साथ ही पश्चिमी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके साथ ही, कंपनी अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को और मजबूत करने के लिए प्रीमियमाइजेशन, भूगौलिक स्थितियों का बेहतर उपयोग और लागत दक्षता से जुड़ी पहलों को प्राथमिकता देती रहेगी।”
