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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़।
वीर भूमि चित्तौड़ की पवित्र धरा पर स्थित दिवाकर स्वाध्याय भवन में शनिवार को दिवाकर दरबार का आयोजन हुआ, जिसमें तीर्थंकर भगवान महावीर की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने हेतु आयोजित प्रवचन सभा में चिराग मुनि जी एवं संतरा विशेषज्ञ गुरुदेव धर्म मुनि जी ने सैकड़ों श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
प्रवचन देते हुए मुनि चिराग जी ने कहा कि "मनुष्य जीवन बहुत मुश्किल से प्राप्त होता है और यह कोहिनूर हीरे से भी अधिक मूल्यवान है।" उन्होंने कहा कि आज का मानव इसे भोग, विलास, निंदा और क्रोध में व्यर्थ कर रहा है। मुनिश्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि देवता भी इस जीवन की कामना करते हैं, क्योंकि केवल मनुष्य योनि में ही धर्म, दान और तप द्वारा कर्मों की निर्जरा कर मोक्ष की प्राप्ति संभव है।
गुरुदेव धर्म मुनि जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि "मनुष्य के दुखों का मूल कारण ईर्ष्या है।" उन्होंने कहा कि आज का इंसान स्वयं के दुखों से उतना दुखी नहीं है जितना कि दूसरों के सुख को देखकर हो जाता है। ईर्ष्या को दीमक की भांति बताया जो व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देती है। उन्होंने कहा कि "क्रोध, मान, माया, लोभ, अहंकार जैसे आंतरिक शत्रु ही मनुष्य के सबसे बड़े पतन का कारण हैं।"
गुरुदेव ने एक प्रेरणादायक उदाहरण देते हुए कहा कि "जिसने अपने मन को जीत लिया वही सच्चा विजेता है।" सिकंदर की ओर इशारा करते हुए कहा कि "दुनिया को जीतने वाला भी अंत में खाली हाथ ही गया था।"
गृहस्थ जीवन पर विशेष टिप्पणी करते हुए गुरुदेव ने कहा कि "वर्तमान समय की महिलाएं यदि जितना ध्यान साड़ियों और मेकअप पर देती हैं उतना यदि धर्म पर दें तो उनका जीवन धन्य हो सकता है।" उन्होंने नारी के सौंदर्य की परिभाषा उसके चरित्र में बताई और रानी पद्मिनी के आदर्श को सामने रखते हुए कहा कि "चरित्र ही नारी का सच्चा सौंदर्य है।"
प्रवचन के दौरान गुरुदेव ने बहुओं को सासू माँ का सम्मान करने और ऊँची आवाज में बात न करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि "सास-ससुर की सेवा तीर्थयात्रा के समान पुण्यकारी होती है। यदि चित्तौड़ की बहुएं यह संकल्प लेती हैं तो हमारा चातुर्मास सफल हो जाएगा।"
सभा में संघ के प्रचार प्रसार मंत्री एवं मीडिया सह-संयोजक विनय कुमार मारू ने जानकारी दी कि बाहर से पधारे अतिथियों का स्वागत संघ अध्यक्ष किरण डांगी ने किया। नवकार मंत्र के 24 घंटे जाप में सहभागिता हेतु महामंत्री राजेश सेठिया ने आमंत्रण दिया।
महामंत्री राजेश सेठिया ने बताया कि सुरेखा चिपड़, मुनिका चिपड़ ने 11 उपवास, अंजना कोठारी ने 10 उपवास, मीनाक्षी सिरोहिया ने 9, सुरेखा बोलिया ने 9, सुदर्शन बोलिया, अनिल पोकरणा एवं नरेंद्र कुकड़ा ने 10 उपवास की तपस्या की है, जो समाज के लिए प्रेरणास्पद है।
