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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राम कथा से पूर्व 79 स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर सभी स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया गया उनके बलिदान की वजह से आज हम इस आजादी के पर्व को मना रहे हैं l संत दिग्विजय राम जी ने कहा जहां राम धर्म जरूरी है वही प्रथम राष्ट्र धर्म है यदि राष्ट्र है तो राम है संत कहते हैं मौत वही अच्छी है जो राष्ट्र के लिए काम आती है वीर सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि राष्ट्र के लिए जीना और राष्ट्र के लिए प्राण देना कोई छोटी बात नहीं है मां भारती के चरणों को नमन कर भारत माता की जय घोष एवं वंदे मातरम के नारे लगवाए और मैथिली शरण गुप्त का यह गीत गुनगुनाया--- जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा वो भारत देश है मेरा ...... राम कथा के बारे में संत कहते हैं कि राम कथा हास्य का विषय न होकर मन भंजन का विषय है नारी धर्म के बारे में संत बताते हैं कि नारी को पति को देव मानकर उसकी सेवा करना चाहिए बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहिए आप बच्चों को संपत्ति ने देकर संस्कार दो ताकि "विल" नहीं "गुडविल" बने l बच्चों को चरण छूने की शिक्षा देनी चाहिए ताकि वह आगे चलकर संस्कारवान बन सकें आज घर-घर में महाभारत होती है उसका मूल कारण यह है की बहू को बेटी नहीं माना जा रहा है , बच्चों को यह शिक्षा दो कि वह बहू नहीं इस घर की बेटी ला रहे हैं घर में बहू का सम्मान बेटी की तरह होगा तो महाभारत नहीं वह घर स्वर्ग बन जाएगा l राम कथा सारे संसार को पावन करने का सामर्थ्य रखती है कथा प्राप्त होने पर जीवन की व्यथा समाप्त हो जाती है l गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि खाना, पीना, सोना एवं परिवार तो पशु के भी होता है लेकिन मनुष्य वही है जो कानों से कथा सुने,आंखों से देव दर्शन करें, हाथों से दान दे ,और पांव से चलकर तीर्थाटन करें बाकी यह मनुष्य जीवन व्यर्थ है, शरीर की अस्थियां बिखरे उसके पहले आस्था निखर जाना चाहिए l राम कथा सुनने से शरीर के सारे सनस्य समाप्त हो जाते हैं l आज संसार न 'सगुण' को मानता है ना 'निर्गुण' को आज व्यक्ति केवल 'तर्क' गुण को मानता है जबकि सगुण व निर्गुण में कोई अंतर नहीं है दोनों एक ही है दोनों तरह की भक्ति कर उस परम ब्रह्म को प्राप्त किया जा सकता है l शास्त्र द्वारा प्रमाणित 'हरि नाम' व्यक्ति को भवसागर से पार लगा देता है इस पृथ्वी पर जब-जब भी धर्म की हानि होती है तब वह परमपिता परमात्मा अवतार लेता है और धर्म को इस धरा पर स्थापित करता है l ज्ञान हमेसा पात्र व्यक्ति को देना चाहिए अज्ञानी को ज्ञान देने से स्वंम का ही नुकसान होता है l आज राम कथा में प्रभु श्री राम का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया