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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़ के शौर्य, बलिदान और गौरवगाथाओं को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य को लेकर चित्तौड़गढ़ गौरव तीर्थ प्रन्यास द्वारा आगामी 31 अगस्त को चित्तौड़ गौरव गाथा नामक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर प्रन्यास की बैठक गुरूवार को गांधीनगर स्थित कार्यालय पर अध्यक्ष पुष्कर नराणिया की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। अध्यक्ष पुष्कर नराणिया ने बताया कि 31 अगस्त को इंदिरा प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रख्यात इतिहासविद एवं प्रखर वक्ता राजवीर होंगे जो राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता दिलाने, कला-संस्कृति के संरक्षण और गौरवशाली इतिहास को सही रूप में प्रस्तुत करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा हेतु प्रेरित एवं मार्गदर्शन देने के कारण वे युवाओं में विशेष लोकप्रिय हैं। कार्यक्रम में कक्षा 10 से ऊपर के छात्र-छात्राएं, सभी वर्गों के नागरिक और मातृशक्ति आमंत्रित होंगे।
नराणिया ने बताया कि संस्था का ध्येय चित्तौड़ के गौरवशाली इतिहास को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करना, चित्तौड़ को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिलवाना और पर्यटन विकास को प्रोत्साहन देना है। कार्यक्रम को भव्य और सफल बनाने के लिए आगामी दिवस में विभिन्न कमेटियों का गठन कर जिम्मेदारियाँ दी जाएगी। बैठक में सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. सुशीला लड्ढा ने भी सुझाव दिया।
इस अवसर पर श्रवण सिंह राव, डॉ. गोपाल जाट, रामलाल जाट, बंशीधर कुमावत, राजेश काकड़दा, मुकेश साहु, अविनाश शर्मा, मुकेश गुर्जर, श्यामसिंह हाड़ा, ध्रुव भटनागर, विकास अग्रवाल, उमेश अजमेरा, एडवोकेट संदीप सेठिया, रवि अग्रवाल, रमा नराणिया, निष्ठा नराणिया सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।