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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। गोचर भूमि और रास्तों से अवैध कब्जों को हटाने की मांग को लेकर गाँव आरनी में की जा रही भूख हड़ताल के चलते प्रशासन ने गो माता के हक में निर्णय लेते हुए साधू-संतों और गसेवकों की पुकार को सुना और पुलिस सहायता से उचित कार्रवाई करते हुए गोचर भूमि, गोस्वामी व नाथ समाज के श्मशान (शंकर घट्टा) के रास्ते से अतिक्रमण हटवाया गया।
अतिक्रमण को लेकर गत 25 अगस्त से भूख हड़ताल की जा रही थी। इस दौरान अल्पेश गोस्वमा द्वारा खून से पत्र लिखकर प्रशासन से न्याय की मांग की गई थी। साथ ही अमित गिरी, नारायण गिरी ने भी भूख हड़ताल में हिस्सा लेकर न्याय की लड़ाई को गति दी। अंततः प्रशासन को झुकना पड़ा और गोचर भूमि को मुक्त कराया गया।
इस अभियान में अमित गिरी, नारायण गिरी, मनोहर गिरी, शंभु गिरी, नानू गिरी, सोनू सुखवाल, लक्ष्मण सुखवाल, अंबालाल सालवी, प्रकाश जाट, महेश गिरी, शांति गिरी, सत्यनारायण गिरी, मदन सालवी, गोपाल गिरी, बद्री तेली, राजू गिरी, जीवन सागर, रतन सुखवाल, संपत जाट, सत्तू गदरी, शंकर गदरी, हरीशंकर लोहार, संपत गिरी, कमलेश, भैरू आदि की एकजुटता और संघर्ष के चलते लड़ाई सफल रही और गो माता को न्याय मिला।