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सीधा सवाल। कपासन।।क्षेत्र में अपर्याप्त बारिश को लेकर स्थानीय लोगों ने विशेष धार्मिक आयोजन किया। राजेश्वर सरोवर की पाल पर स्थित जाखड़ माता चामुंडा माता मंदिर में सामूहिक यज्ञ हवन और पूजा अर्चना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें कपासन सहित आसपास के बारह गांव खेड़ा के पुजारी और प्रतिनिधि शामिल हुए।इस दौरान दोपहर एक बजे तक नगर के बाजार बंद रहे।क्षेत्र में इस मौसम अब तक मात्र 574 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई हैं।जबकि औसत वर्षा 760 मिलीमीटर होनी चाहिए। अपर्याप्त वर्षा के कारण राजेश्वर सरोवर तालाब खाली पड़ा है। यह तालाब पिछले पांच वर्षों से सूखा हैं।जो कस्बे की पेयजल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है।रविवार सुबह भूपाल खेड़ा से पुजारियों को जुलूस के रूप में मंदिर लाया गया। पंडित राजू व्यास के नेतृत्व में विशेष पूजा अर्चना और यज्ञ हवन संपन्न हुआ। कार्यक्रम में व्यापार संगठनों के सदस्य और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही।व्यापारियों ने इस अवसर पर सहयोग करते हुए दोपहर तक सभी दुकानें, सब्जी मंडी और फल व्यवसाय बंद रखे। मौसम की स्थिति यह है कि बादल छाते हैं, कुछ देर तेज बौछारें पड़ती हैं।फिर हल्की बूंदाबांदी के बाद वर्षा रुक जाती है। इस कारण तालाबों में पर्याप्त जल संग्रहण नहीं हो पा रहा है।
फीडर के माध्यम से भी नहीं आया पानी
कपासन भूपालसागर ओर धमाना के तालाबों को भरने राजसमंद जिले में बनास नदी से फीडर छह दशक पहले बनाई गई थी। जिसमें पहले पानी की आवक होती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों से इसमें पानी की आवक भी नहीं हो पा रही हैं। इस फीडर की मरम्मत के लिए सरकार 24 करोड़ की स्वीकृति हुई थी। जिसके टेंडर जारी कर कार्य शुरू कर दिया गया हैं। क्षेत्रवासी मातृकुंडिया बांध से कपासन में पानी लाने की मांग भी कई सालों से करते आ रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा अब तक सकारात्मक परिणाम जनमानस को नहीं दिए गए।इसी कारण नगर के युवाओं द्वारा समय समय पर देवी देवताओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा हैं।इसी के तहत उक्त धार्मिक कार्यक्रम संपादित किया गया।कपासन विधानसभा क्षेत्र में मातृकुंडिया डेम अपनी भराव क्षमता पूर्ण कर चुका है।जिस कारण प्रतिदिन गेट खोलकर नदी में पानी की निकासी की जा रही हैं। जबकि कपासन नगर सहित पूरे विधानसभा क्षेत्र के तालाब रीते पड़े हैं।
मातृकुंडिया बांध से तालाबों को भरने की मांग ने पकड़ा जोर
विधानसभा कृषि पर आधारित हैं।यहां रोजगार एवं व्यापार भी पानी पर ही निर्भर है।पिछले कुछ वर्षों से बारिश कम होने से क्षेत्र के तालाब खाली हैं।हर साल करोड़ों रूपये के बजट के बाद भी कपासन भूपालसागर, धमाणा, डिंडोली फीडर की मरम्मत तक नहीं हो पाई।जिसके चलते कपासन क्षेत्र में पीने के पानी और सिंचाई के लिए गंभीर संकट पैदा हो गया है।जिस कारण श्रेत्र में लोगों में भारी आक्रोश हैं। इसी कड़ी में आज कपासन तालाब की पाल पर स्थित जाखड़ माता जी के नगर सहित आसपास ग्रामीण इकट्ठा हुए और माताजी के पूजा अर्चना कर मातारानी से अच्छी बारिश की अरदास की।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस दोरान उपस्थित जन समूह में चर्चा रही कि सात दिवस में पानी नहीं आता है तो राज्यमार्ग या मातृकुंडिया डेम पर धरना दिया जायेगा। इस संबंध में सात दिन बाद बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जायेगी।