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सीधा सवाल। चिकारड़ा।
क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। बरसात से जहां किसानों और व्यवसायियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, वहीं आमजन भी कीचड़ और पानी से बेहाल हो गया। तीन दिन से जारी बारिश की झड़ी ने ग्रामीणों के रोजमर्रा के कार्य ठप कर दिए।
लगातार हो रही बरसात से कच्चे मकानों की छतें टपकने लगीं और पक्के मकानों की पट्टियां भी झरने लगीं। त्योहारों के दौरान भी ग्रामीण बारिश के चलते उत्सव का आनंद नहीं ले पाए। खेतों में खड़ी फसलों को हवा और बारिश से नुकसान पहुंचा, वहीं खेतों में पानी भरने से सांप-बिच्छू निकलने लगे।
चिकारड़ा क्षेत्र में पानी की आवक तो रही, लेकिन नदी-नालों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पाया। एनीकट की चादर चल पड़ी और कुछ रास्तों पर पानी भर गया। इस बीच, प्रशासन ने किसी भी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था कर रखी है।
शुक्रवार को सुबह बादल छाए रहने और हल्की बारिश के बाद दोपहर में आसमान साफ हुआ और चमकीली धूप निकल आई। मौसम साफ होने से किसानों और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और किसान मवेशियों के लिए चारे की जुगाड़ में जुट गए।