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सीधा सवाल। राशमी। क्षेत्र के मातृकुंडिया बांध के पास शुक्रवार प्रातः एक खेत में ग्रामीणों को मगरमच्छ दिखाई दिया। जिस पर ग्रामीणों ने सर्परक्षक हर लाल कच्छावा को सूचना दी। हरलाल ने रेस्क्यू एक्सपर्ट बैंक कर्मचारी पियूष कांबले को सूचना देकर बुलवाया। काम्बले आशीष जोशी,वन विभाग के कार्मिक मुबारिक खान,राम कुमार साहू सहित मौके पर पहुंचे। टीम ने पहुँचते ही पूरी रणनीति बनाई। मगरमच्छ बेहद आक्रामक था। बार-बार पूंछ से झपट्टा मारने की कोशिश कर रहा था। लेकिन टीम ने हिम्मत और अनुभव का इस्तेमाल करते हुए ग्रामीणों और मवेशियों को सुरक्षित दूरी पर हटाया। करीब घंटेभर चले रेस्क्यू अभियान के बाद मगरमच्छ को काबू में कर लिया गया। समय रहते मगरमच्छ का रेस्क्यू कर लेने से पास ही गायें चरा रहे चरवाहों व पशुओ के साथ हादसा होना टल गया। काम्बले ने बताया कि मगरमच्छ की आयु लगभग आठ से दस वर्ष व वजन 120 किलो व लम्बाई 9 फिट के आसपास थी। मगरमच्छ को रेस्क्यू कर वन विभाग के कार्मिक बस्सी अभ्यारण ले गए। इस दौरान एक्सपर्ट ने ग्रामीणों को जानकारी देते हुए बताया कि मगरमच्छ के बारे में जरूरी जानकारी और जागरूकता होना आवश्यक है। मगरमच्छ आमतौर पर नदियों,बाँधों और झीलों में पाया जाता है। बरसात के मौसम में पानी भरने के कारण ये गाँवों और खेतों तक आ जाते हैं।