views

सीधा सवाल। निम्बाहेड़ा। मेवाड़ के गौरव और आस्था के केंद्र श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ में इस वर्ष भी गणेश चतुर्थी का पावन पर्व बड़ी ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह महोत्सव दस दिनों तक चला, जिसने कल्याण नगरी ही नहीं, बल्कि समूचे मेवाड़ क्षेत्र के भक्तों को अपनी ओर आकर्षित किया। वेदपीठ में स्थापित श्री कल्लाजी का मनमोहक स्वरूप इस बार गणेशजी के रूप में सजाया गया, जिसने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर दस दिवसीय भव्य अनुष्ठान की शुरुआत हुई, जिसमें अष्टविनायक गणपति अभिषेक, गणपति सहस्त्रार्चन पाठ और गणेश अथर्व शीर्ष सूक्त के पाठ प्रतिदिन पूरे विधि-विधान के साथ किए गए। इन विशेष पूजाओं का उद्देश्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश से भक्तों के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और उनके जीवन में सुख-समृद्धि लाने की प्रार्थना करना था।
दस दिवसीय अनुष्ठान और धार्मिक गतिविधियां
दस दिवसीय अनुष्ठान दौरान वेदपीठ का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया। सुबह और शाम, भक्त बड़ी संख्या में मंदिर में एकत्रित होकर धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते थे। आचार्यों द्वारा किए जा रहे वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-पाठ ने एक दिव्य और आध्यात्मिक माहौल बना दिया था। इस दौरान, भक्तों ने भगवान गणेश को लड्डू, मोदक और विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट मिष्ठान का भोग लगाया, जिन्हें बाद में सभी उपस्थित लोगों में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। महोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन एक भव्य पूर्णाहुति यज्ञ के साथ हुआ। इस यज्ञ में सहस्त्र मोदक की आहुति दी गई, जो विशेष रूप से भगवान गणेश को प्रिय मानी जाती है। यह यज्ञ भगवान गणेश के प्रति भक्तों की गहरी श्रद्धा और अटूट विश्वास का प्रतीक था।
चंद्रग्रहण सूतक और मंदिर के दर्शन का समय परिवर्तन
चंद्रग्रहण का सूतक रविवार दोपहर 12:50 बजे से शुरू होगा। ग्रहण का स्पर्श रात 09:57 बजे होगा, और इसका मोक्ष अगले दिन 8 सितंबर को रात 1:27 बजे होगा। इस हेतु कल्लाजी मंदिर में दर्शन ग्रहण के कारण रविवार दोपहर 12 बजे से सोमवार सुबह 8 बजे तक बंद रहेंगे। दर्शन अगले दिन सुबह श्रृंगार आरती के समय फिर से शुरू होंगे।