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सीधा सवाल। बेगूं। मेवाड़ वागड़ अंचल के लिए आम जनता व अधिवक्तागणो की उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ की मांग को लेकर शुक्रवार को अधिवक्ताओं द्वारा कार्य का स्वैच्छिक बहिष्कार किया गया और अभिभाषक संघ बेगूं अध्यक्ष विजय भारद्वाज के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि मेवाड़ वागड अंचल के लिए आम जनता व अधिवक्तागणो की उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ की मांग पिछले 44 वर्षों से लंबित है। उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच न खोलना मेवाड़-वागड़ क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय है। वर्तमान में बेगूं और रावतभाटा क्षेत्र के मामलों की सुनवाई जोधपुर हाईकोर्ट में होती है। पक्षकारों और अधिवक्ताओं को बेगूं और रावतभाटा से जोधपुर तक लगभग 300 से 400 किलोमीटर तक की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इससे समय और धन दोनों का अपव्यय होता है और समय पर सुनवाई भी मुश्किल होती है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच स्थापित होती है तो जनता को मात्र 150 से 200 किलोमीटर की दूरी पर ही न्याय का लाभ मिल सकेगा। जिससे उन्हें सहज और सस्ता न्याय उपलब्ध होगा। इस दौरान गोपाल लाल गुर्जी, शैलेन्द्र कुमार शर्मा, मुरलीधर शर्मा, शिवलाल सोनी, सत्यनारायण माली, तुफान सिंह, राजसिंह, एतमाद अजमेरी और चंद्रशेखर कोली सहित कई अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।