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समाज की प्रतिभाओं का हुआ सम्मान
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। समाज एकता और सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक अग्रसेन जयंती महोत्सव का समापन सोमवार को हर्षोल्लास के साथ हुआ। पुरस्कार वितरण, नवीन कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण और समाज की विशिष्ट प्रतिभाओं का सम्मान समापन समारोह के मुख्य आकर्षण रहे। जन्मोत्सव समिति के संयोजक राकेश गुप्ता और पवन अग्रवाल ने बताया कि समापन अवसर पर अग्रवाल समिति की नवीन कार्यकारिणी को शपथ दिलाई गई, वहीं जन्मोत्सव में प्रायोजक रहे सीए अमित अग्रवाल, सीए पीयूष अग्रवाल और रविन्द्र अग्रवाल का स्वागत किया गया। महिला मंडल की अध्यक्षा राखी गर्ग और शोभना अग्रवाल ने सात दिवसीय जन्मोत्सव के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की। खेलकूद प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में हर्ष अग्रवाल, हर्ष योगेश, निवांशी, अक्षिता, प्रियल और नमन विजेता बने, जबकि 7 से 9 आयु वर्ग में रिद्धि और आर्यन तथा महाविद्यालय वर्ग में अक्षत, गौरांग, नेहा व नीरजा प्रथम रहे। वरिष्ठ महिला वर्ग में मधु अग्रवाल और पुरुष वर्ग में पंकज अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल ने बाजी मारी, वहीं युगल खेल में शिखा–अभिषेक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। सांस्कृतिक प्रतियोगिता के तहत फेंसी ड्रेस में अदम्य अग्रवाल डांस में मोहित अग्रवाल, चार्वी अग्रवाल, पीहुल अग्रवाल, अनन्या अग्रवाल, एकल नृत्य रिया अग्रवाल, युगल नृत्य में नेहा और प्रियंका अग्रवाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मिटटी के गणेश बनाओ प्रतियोगिता में नेहा, किरण और पूनम अग्रवाल क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय रही I
अग्रवाल समिति अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन दिया और अग्रवाल विकास संस्था अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया। मंच पर जगदीश मोर, नेमीचंद अग्रवाल चंदेरिया, राखी गर्ग, शोभना अग्रवाल, डी एस.डी. गुप्ता, आशीष अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और योगेश अग्रवाल मौजूद रहे I कार्यक्रम का संचालन विकास अग्रवाल, डॉ. ज्ञानसागर जैन, नीरजा गर्ग और नेहा झुनझुनवाला ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में अग्रवाल विकास संस्था को ओर से हृदयाघात की आपातकालीन स्थिति के लिए मेडिकल किट भी वितरित किए गए।
विशिष्ट प्रतिभाओं का सम्मान
समापन अवसर पर समाज की विशिष्ट प्रतिभाओं का अभिनंदन भी किया गया। राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान 2025 से सम्मानित जिले के एक मात्र व्याख्याता विकास अग्रवाल तथा लगातार 50 बार रक्तदान कर समाजसेवा में योगदान देने वाली नीरजा गर्ग को पगड़ी, प्रतीक चिह्न और उपरणा पहनाकर सम्मानित किया गया।
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