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लोकतंत्र सेनानियों का हुआ सम्मान

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। भारतीय जनता पार्टी जिला चित्तौड़गढ़ के तत्त्वावधान में बुधवार को आपातकाल का काला दिवस व जनसंघ संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कर उनके अनुभवों को साझा किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गृह, गोपालन,पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि डा.श्यामप्रसाद मुखर्जी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता थे। उन्होंने एक देश, दो विधान, दो प्रधान का खुला विरोध किया। केंद्र की मोदी सरकार ने धारा 370 हटाकर उनके संकल्प को साकार किया जो उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।
उन्होंने आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए कहा कि 25 जून 1975 की अर्धरात्रि को देश को जेल बना दिया गया, देश के संविधान की हत्या कर सिर्फ कुर्सी की खातिर संविधान को दागदार किया गया। मीडिया पर सेंसरशिप लगाकर और न्यायपालिका को दबाने की कोशिश हुई। परन्तु आज यहां बैठे लोकतंत्र सेनानियों ने लोकतंत्र की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की परवाह किये बिना देशहित में विभिन्न यातनाएं झेली और जेल गए। आज इनका सम्मान कर हम सभी गर्व की अनुभूति कर रहे हैं। आज हम सभी को इन लोकतंत्र सेनानियों से सीख लेनी चाहिए कि सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय विचारधारा को आगे बढ़ाने की बागडोर आप सभी के हाथ है। उन्होंने उपस्थित पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से आव्हान किया कि वे पार्टी की कमल टोपी और उपरने को लोकतंत्र के सम्मान के प्रतीक के रूप में धारण करते हुए राष्ट्र सेवा में जुटे रहें। उन्होंने कहा कि वे जब जयपुर से निकल रहे थे तो मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने फोन कर कहा कि चित्तौड़गढ़ जिले के सभी लोकतंत्र सेनानियों को मेरी ओर से नमन करते हुए मेरा भी राम राम कहिएगा। गृह राज्यमंत्री बेढ़म ने कहा कि कांग्रेस के लोग भ्रमित करने का काम कर रहे हैं ।देश में तिरंगा यात्रा के सामने कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली फैल हो रही। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से आगामी पंचायत और नगर निकाय चुनाव को चुनौती के रूप में लेने की बात की। पूर्व कैबिनेट मंत्री और निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि यदि आपातकाल के समय लोकतंत्र रक्षको ने आवाज नहीं उठाई होती, ती लोकतंत्र केवल इतिहास बनकर रह जता। आज का दिन हमें उनके संघर्ष की याद दिलाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिला अध्यक्ष रतनलाल गाडरी ने लोकतंत्र सेनानियों का स्वागत करते हुए कहा कि आपातकाल के दर्द को झेलने वालों का सम्मान हमारा कर्तव्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन पुनः शुरू किए जाने को सराहा।
कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी जानकीलाल भंडारी ने आपातकाल को जीवन का काला अध्याय बताते हुए उन दिनों की बर्बरताओं और सेंसरशिप की विस्तृत जानकारी देते हुए अपने अनुभव साझा किए। लोकतंत्र सेनानी स्व.मोतीलाल चंडालिया के सुपुत्र अशोक चंडालिया ने आपातकाल के दिनों में कांग्रेस सरकार की दमनकारी नीतियों से हुई गंभीर परिस्थितियों से संघर्ष कर लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों द्वारा अपनाए गए उपायों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिजनों जिनमें सत्यनारायण पलोड़,जानकी लाल भंडारी,सत्यनारायण नामधराणी,बसंती लाल वेद, श्रीमती कांता बोर्दिया,श्रीमती कमलादेवी तड़बा,अशोक चंडालिया,पदम पोखरना आदि उपस्थित रहे जिनका शॉल, श्रीफल व उपरना ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री रघु शर्मा ने किया और कार्यक्रम के जिला संयोजक दीपक शर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जिले से पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे । कार्यक्रम में जिला प्रमुख गब्बर सिंह अहीर,पूर्व विधायक अशोक नवलखा,बद्रीलाल जाट,प्रदेश सह कोषाध्यक्ष अनिल शिशोदिया ,संभाग सह मीडिया प्रभारी सुधीर जैन,कार्यक्रम प्रभारी कैलाश मंत्री,जिला महामंत्री रघु शर्मा,देवी सिंह राणावत,पंचायत समिति प्रधान देवेंद्र कंवर,श्रवण सिंह राव,नगर मंडल अध्यक्ष सागर सोनी,डूंगरपुर संगठन प्रभारी कमलेश पुरोहित,प्रदेश अधिकारी नचिकेता पारीक,सतीश बंसल,जिला मंत्री सी पी नामधराणी,संजू लड्ढा, कर्नल सिंह कांकरवा,जिला आई टी संयोजक नंदकिशोर लोहार,जिला प्रचार प्रमुख गोवर्धन जाट ,जिला कोषाध्यक्ष हरीश ईनाणी,मंडल अध्यक्ष गोपाल सिंह राजोरा,गोपाल चौबे,सत्यनारायण कुमावत,अशोक जाट,राजेंद्र सिंह ,कपिल चौधरी,भवानी राम जाट,सुनील जैन ,विदुषी बिल्लू,भूपेंद्र सालवी,शंकर कुमावत,मदन गोपाल धाकड़,गौरव त्यागी,आदि सम्मिलित रहे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। पार्टी की महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती लीला कलन्त्री के देहावसान पर दो मिनिट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई ।