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उद्योग प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने रखे विचार

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चित्तौड़गढ़ में आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के निर्देशन में शनिवार को एक हितग्राही परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. भारती मेहता ने की।
कार्यक्रम में उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधि — आर.सी. झंवर (वाइस प्रेसिडेंट, बिड़ला कॉर्पोरेशन), सुदर्शन रामपुरिया (प्रख्यात मार्बल उद्यमी) और शिक्षाविद् प्रो. के.एस. कंग विशेष रूप से मौजूद रहे। परिचर्चा का संयोजन आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रो. संदीप शर्मा द्वारा किया गया जबकि संचालन प्रो. संजू बालोत ने किया। प्राचार्य प्रो. भारती मेहता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में "विकसित भारत 2047" के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु हितग्राही परिचर्चा को केन्द्र सरकार की सकारात्मक पहल बताया। उन्होंने कहा कि उद्योग और शिक्षा जगत के बीच संवाद और समन्वय से ही नोलेज इकोनोमी (ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था) को मजबूती मिलेगी।
प्रो. संदीप शर्मा ने परिचर्चा के मुख्य विषयों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कौशल विकास, शिक्षण संस्थानों और उद्योगों के बीच समन्वय, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग, और तकनीकी आधारित कृषि संरचना जैसे विषय ज्ञान अर्थव्यवस्था के स्तंभ हैं। आर.सी. झंवर ने उच्च शिक्षा में नवाचार और तकनीकी दक्षता को प्रोत्साहित करने पर बल दिया, वहीं सुदर्शन रामपुरिया ने युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए उद्योग और शिक्षण संस्थानों के बीच समन्वय की आवश्यकता बताई।प्रो. के.एस. कंग ने भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने हेतु कई सुझाव दिए।
इसके पश्चात आई-स्टार्ट डोमेन विशेषज्ञ विजय जैन ने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप्स के लिए दी जा रही इन्सेंटिव योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम के समापन पर प्रो. संजू बालोत ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
