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सीधा सवाल। कपासन। प्रख्यात सूफी संत हज़रत दीवाना शाह की भूमीगत मज़ार के दर्शन हेतु लगी बुलन्द दरवाजा तक कतारे, धूणा के तरीकबंद फुकरा हज़रात को विदाई दी गई।दरगाह वक्फ कमेटी के सैक्रेट्री मोहम्मद अब्बास अशरफी के अनुसार भूमीगत मज़ार के दर्शन हेतु बुलन्द दरवाजा तक लम्बी-लम्बी कतारे लगी। आस्ताना ए आलिया मे बाबे ने अमत से प्रवेश दिया और दंर्शन के बाद बाबे सलाम से बाहर निकलने कि व्यवस्था की गई। सभी जायरीन के दर्शन के बाद पट बंद कर दिये। आम जायरीन के दर्शन हेतु एक साल बाद पट खोले जायेगें।दरगाह वक्फ कमेटी के सदर अनवर अहमद छीपा के अनुसार बाद नमाज़े जौहर के धूणा तरीकतबंद फुकरा हज़रात के रफाईया, मदारिया, जलालिया, सिलसिले के खलीफा, नकीब, भण्डारी, कोतवाल, सिपाही, चाउस, मिस्कीन, ओहदेदारो सहित तकरीबत 70 हज़रात को वक्फ कमेटी सदस्य सैयद अख्तर अली बुखारी, मेहबूब शाह ने बाबा हुजूर की चादर पेशकर विदाई की रस्म अदा की।राजस्थान प्रदेश कॉग्रेस कमेटी के सचिव रणजीत लोठ, जिला कॉग्रेस सचिव नरेन्द्र विजयवर्गीय, नगर कॉग्रेस चित्तौड़गढ़ के सचिव मनिष चावला एवं एडवोकेट राकेश धारू ने भूमिगत मज़ार के दर्शन किए। सभी का वक्फ कमेटी द्वारा स्वागत कर दस्तार बंदी की।