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सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती"। यह पंक्ति नीमच ज़िले के छोटे से गाँव चीताखेड़ा की विजयश्री माली ने सच कर दिखाई है। किसान परिवार में जन्मी विजयश्री ने अपने हौसले और मेहनत से गाँव की गलियों से निकलकर सोशल मीडिया और अब टीवी की दुनिया में अपनी पहचान बना ली है।
विजयश्री आज एक सफल यूट्यूबर हैं, जिनके चैनल पर 1 मिलियन से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं। फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी लाखों लोग उनके वीडियो देखते हैं। सिल्वर और गोल्डन प्ले बटन जीतने के बाद अब उन्होंने एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है — टीवी शो ‘इंडियाज़ बिगेस्ट फूडी’ में अपनी जगह।
मुंबई में शो के लिए चयनित होने के बाद विजयश्री जब अपने पैत्रिक गाँव लौटीं, तो स्वागत के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। मंडी समिति सदस्य राजेन्द्र सिंह तोमर, राजेश जैन, कालू सिंह जाट, भंवरलाल बसेर, अक्षय जैन, भगत मांगरिया, नागेश्वर जावरिया, मनसुख जैन, विकास प्रजापत, शहीद शाह समेत कई लोगों ने फूल-मालाओं से उनका अभिनंदन किया।
इंजीनियर से यूट्यूबर तक का सफ़र
बचपन से पढ़ाई में तेज़ विजयश्री ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर जयपुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी की। सब ठीक चल रहा था कि कोविड के दौर में नौकरी चली गई। आर्थिक परेशानी और अनिश्चित भविष्य के बीच भी उन्होंने हार नहीं मानी। बस एक मोबाइल फोन और साधारण कैमरे के साथ उन्होंने ‘अतरंगी विशी’ चैनल शुरू किया। धीमी इंटरनेट स्पीड, कम संसाधन और लोगों के तानों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। क्रिएटिव आइडियाज़ और मेहनत से उनके वीडियो वायरल होने लगे और देखते-देखते वह सोशल मीडिया की स्टार बन गईं।

