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सीधा सवाल। कनेरा।स्थानीय उपतहसील कनेरा के बांगेड़ा घाटा कस्बे में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिवस दिन रात लगातार हो रही रिमझिम बारिश के मध्य श्री चारभुजा मंदिर पर भक्तों की भीड़ प्रातः काल से ही बढ़ती है,जिससे लगा कि भक्तों में कथा के प्रति उत्साह है। कथा के उपरांत कथाओं के प्रसंग और भजनों की चर्चा भक्तों द्वारा आम चर्चा में सुनाई जाने लगी। कथा प्रवक्ता स्वामी यज्ञमणी नरेंद्रदेव महाराज द्वारा कई मार्मिक और सुंदर प्रसंग से कथा को वाणी द्वारा चित्रित किया गया।माता-पिता हमारे परम आराध्य और परमात्मा है, उनकी सेवा जिस मनुष्य ने कर ली वह भवसागर पार हो जाएगा। जिस प्रकार भगवान कृष्ण अपने पिता नंदराय जी को सदेह बैकुंठ दर्शन करवाकर लाए,इसी तरह बेटे बहूओं को चाहिए कि अपने माता-पिता के लिए वर्तमान में तो मूलभूत दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति जैसे रहने, सोने की भोजन , सत्संग- कीर्तन आदि सुविधाओ से यूक्त जीवन बिताएं,यही बैकुंठ है। गुरूदेव द्वारा अन्य कई प्रसंग जैसे भगवान का गोकुल धाम छोड़ना ,मथुरा गमन, कंस वध, शिक्षा ग्रहण करने उज्जैन सांदीपनि आश्रम आना, गोपी उद्धव संवाद और भगवान का विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुकमणि बाई के साथ विवाह इत्यादि कथाएं सुनाई गई। रुक्मणी विवाह कन्यादान में 13700 रुपए की राशि भेंटस्वरूप प्राप्त हुए जिसे राशि गुरुदेव ने कथा स्थल चारभुजा नाथ मंदिर में अर्पण कर दी।