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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़।
"मरकर भी किसी की आंखों में उजाला भर देना ही सच्चा जीवन है" — इस महान संदेश को साकार करते हुए जूना बाजार निवासी 80 वर्षीय सागर मल पटवारी (पुत्र स्व. मनोहर लाल) का आकस्मिक निधन होने पर परिजनों ने मरणोपरांत नेत्रदान का निर्णय लिया।
सागर मल पटवारी के पुत्र लोकेश, प्रपौत्र वीतराग दक्षिल एवं भतीजे दीपक के आग्रह पर महावीर इंटरनेशनल चित्तौड़गढ़ द्वारा नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी करवाई गई। इस अवसर पर परिवारजन पारसमल, नवरतनमल, सुजानमल, सुरेशचन्द्र, बसन्तीलाल, मनसुखलाल, अनिल, गौतम सहित पटवारी परिवार तथा राशमी पोखरणा परिवार के सदस्य और समाज के अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
नेत्रदान प्रकल्प प्रभारी वीर नवनीत मोदी, अध्यक्ष वीर अभय संजेती, वीर पारस पोखरणा, वीर रतन डांगी, वीर अनिल पटवारी और वीर अनिल सुराना ने विशेष सहयोग दिया। वहीं महावीर इंटरनेशनल नेत्र चिकित्सालय के वसीम खान एवं भावना छीपा ने कॉर्निया उत्सर्जन की प्रक्रिया सम्पन्न की।
प्राप्त दोनों नेत्रों से अब दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को जीवन में प्रकाश मिलेगा। यह पुनीत कार्य सागर मल पटवारी की अमर विरासत बनकर समाज को प्रेरणा देता रहेगा।