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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विश्वविख्यात चित्तौड़गढ़ के शौर्य और इतिहास के अनसुने पहलुओं से युवाओं एवं प्रबुद्ध वर्ग को रूबरू करवाने की अभिनव पहल रविवार को मूर्त रूप लेगी। इस अवसर पर प्रसिद्ध इतिहासविद एवं राजस्थानी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलवाने के लिए आंदोलनरत ख्यातनाम इतिहासविद राजवीर मुख्य वक्ता होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. ओमेन्द्र रत्नु करेंगे।
चित्तौड़गढ़ गौरव तीर्थ प्रन्यास के बैनर तले आयोजित चित्तौड़ गौरव गाथा कार्यक्रम को लेकर युवाओं में जबरदस्त उत्साह है। करीब 2200 युवाओं एवं गणमान्य नागरिकों के पंजीकरण होने से सीट आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। प्रवेश प्रातः 10 बजे से प्रारंभ किया जाएगा।
प्रन्यास के ट्रष्टि पुष्कर नराणिया एवं श्रवण सिंह राव ने बताया कि रविवार प्रातः 11 बजे इंदिरा प्रियदर्शिनी ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में ब्रिगेडियर हर्षवर्धन सिंह, सेव आवर हेरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक (एसओएच) अरिहन्त सिंह शेखावत सहित कई सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि और विद्यार्थी भी इस अवसर पर शामिल होंगे।
चित्तौड़ दुर्ग पर कार्यशाला
युवाओं एवं प्रबुद्ध वर्ग के साथ संवाद के उपरांत रविवार सायं 5 बजे दुर्ग स्थित सात बीस देवरी जैन मंदिर में में स्थानीय गाइड और इतिहास शिक्षकों के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित होगी। इसमें प्रसिद्ध इतिहासविद राजवीर सर और डॉ. ओमेंद्र रत्नू चित्तौड़गढ़ के इतिहास को लेकर व्याप्त मिथकों और सच्चाइयों का प्रामाणिक स्वरूप प्रस्तुत करेंगे।
पुष्कर नराणिया ने बताया कि गाइड और इतिहास शिक्षक ही वे माध्यम हैं जो नई पीढ़ी तक इतिहास की सही जानकारी पहुँचा सकते हैं। कार्यशाला के सह-आयोजक के रूप में स्थानीय गाइड एसोसिएशन भी सहभागी है।
पार्किंग व्यवस्था
इंदिरा प्रियदर्शिनी ऑडिटोरियम के कार्यक्रम हेतु पार्किंग व्यवस्था समीप स्थित स्टेडियम में की गई है। बड़ी संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति और यातायात की सुगमता के लिए यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।