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ग्रामीणों को गरबा डांडिया आने लगे रास
सीधा सवाल। चिकारड़ा। दस दिवसीय गणपति महोत्सव में चिकारड़ा सहित आसपास क्षेत्र के लोगो मे खासा उत्साह नजर आने लगा । पिछले 7 दिनों से चल रहे महोत्सव में गरबा डांडिया रास के साथ बालकों के विभिन्न प्रकार की क्रीड़ाये गेम्स के साथ कविता पाठ के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम तो बाहर से आए कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का एक बड़ा मंच मिला जिस पर उनके द्वारा अपना हुनर दिखाया गया। आरती शुरू होने और कार्यक्रम के अंत तक चहू और गणपति बप्पा मोरिया की धुन ही कानों में सुनाई दे रही है । गणपति महोत्सव समिति के अध्यक्ष उदय लाल गुर्जर द्वारा बताया गया कि गणपति महोत्सव को लेकर चिकारड़ा में बैठके आयोजित करते हुए एक माह से भी अधिक समय कार्यक्रम की रणनीति बनाने में कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में तथा विभिन्न भामाशाह ग्रामीणों को आगे लाने में लग जाते हैं। गणपति महोत्सव समिति कार्यक्रम को अपने सीरे से शुरू करते हुए अंतिम रूप देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती । स्थानीयता को लेकर चाहे प्रसाद की बात हो या आरती की या यूं कहें आतिशबाजी की तो ग्रामीण भामाशाह आगे आते हुए गणपति बप्पा का स्वागत करने को तत्पर रहते हैं । गणपति महोत्सव समिति में सैकड़ो की संख्या में सदस्य गण है जो गणपति बप्पा की सेवा पूजा आराधना के साथ 10 दिनों तक लगातार लगा हुआ दिखाई देता है। इन 10 दिनों में महिला पुरुष बालक बालिकाएं युवक युवतियों द्वारा अपने मित्र विथ कंपार्टमेंट के साथ डांडिया रास करते हुए गणपति बप्पा के चरणों में नमन करते हुए रिद्धि सिद्धि प्राप्त करने के लिए रिझाया गया । सोमवार, मंगलवार को उत्तराखंड के कलाकारों ने शिव पार्वती शिव भक्ति की सजीव झांकियां प्रदर्शित करते हुए कार्यक्रम को स्वर्णिम स्वरूप दिया। उत्तराखंड के कलाकारों ने राजस्थान की धरती पर सजीव चित्रण कर अपने क्षेत्र की परंपराओं से परिचित करवाया । चित्तौड़ मुख्यालय के बाद क्षेत्र के लिए यह सबसे बड़ा प्रोग्राम है। जिसमें लाखों रुपए खर्च करते हुए ग्रामीण कार्यक्रम को बप्पा मोरया के प्रति समर्पित करते हैं । सांवलिया जी रोड स्थित खटीक बस्ती के भेरूलाल खटीक ने बताया कि खटीक बस्ती में भी गणपति विराजित करने के बाद निरंतर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है । जिसमे गरबा सांस्कृतिक कार्यक्रम बालकों के सात बड़ों के लिए भी विभिन्न स्पर्धा खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही है। प्रतिदिन कार्यक्रम पर समापन प्रसाद का वितरण होता है। क्षेत्र के विभिन्न गांव में भी कार्यक्रम के आयोजन हो रहे हैं।