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सीधा सवाल। बस्सी। कस्बे के लक्ष्मीनाथ कुंड पर जलझूलनी एकादशी के अवसर पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। प्राचीन परंपरा के अनुसार राव साहब यशवर्धन सिंह ने कुंड में नारियल फेंककर धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत की। इसके बाद श्रद्धालुओं ने उत्साह और श्रद्धा के साथ पवित्र कुंड में डुबकी लगाई।
जानकारी के अनुसार बस्सी में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है कि जलझूलनी एकादशी पर ही कुंड में स्नान किया जाता है, अन्य दिन स्नान करने पर 1100 रुपये का दंड निर्धारित है। गुरुवार को नगर के विभिन्न मंदिरों से भगवान की बेवण शोभायात्रा रावले के मंदिर से प्रारंभ होकर राम मोहल्ला, नाले बाजार, ब्राह्मपुरी, तापड़ियों का मोहल्ला, सोनियों का चौक सहित अन्य मार्गों से होती हुई शिवसागर तालाब पहुँची।
तालाब की पाल पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने भगवान की आरती उतारी और भगवान को जल में झुलाया। इसके बाद राव साहब द्वारा नारियल फेंकने के साथ ही लोगों ने कुंड में आस्था की डुबकी लगाई। इसी दौरान सभी को स्नान करता देख राव साहब ने भी साथियों के साथ जल में छलांग लगाई। धार्मिक उल्लास और आस्था से सराबोर इस आयोजन में कस्बे के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।