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सीधा सवाल। राशमी। क्षेत्र में बनास नदी पर ऊंचा ग्राम पंचायत की शरहद में बने मोरपगा एनिकट में बुधवार को गला लग गया। गला लगने से लबालब भरा एनिकट खाली हो गया। गला लगने का प्रमुख कारण एनीकट के पास से अवैध बजरी खनन माना जा रहा है। बनास नदी पर बना मोरपगा एनीकट क्षेत्र में सबसे बड़ा एनीकट है। करीब आठ साल पहले कम्पलीट रूप से बने इस एनीकट में 2 वर्ष पहले भी बजरी के अवैध खनन से छोटा गला लग गया था। लेकिन उस दौरान मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया। उसके बाद जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली। जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि मंगलवार को एनीकट में उसी जगह करीब 25 फीट लंबा गला लग गया। जिससे एनीकट खाली हो गया। ग्रामीण इसका कारण अवैध बजरी खनन बता रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पक्के स्ट्रक्चर के पास से अंधाधुंद अवैध बजरी खनन किए जाने से पत्थरों की चिनाई खिसक गई। जिससे बड़ा गला लग गया। जिला खनिज अधिकारी एहतेशाम सिद्दीकी ने बताया कि बनास नदी में बने पक्के स्ट्रक्चर के अप एवं डाउन में 45 से 50 मीटर के दायरे में बजरी खनन नहीं किया जा सकता है। अगर बजरी खनन के कारण एनीकट में गला लगा है तो टीम भेजकर सर्वे करवाया जाएगा। दूसरी ओर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजकुमार शर्मा ने बताया कि एनीकट का निर्माण कार्य सिंचाई विभाग के माध्यम से करवाया गया था। लेकिन विभाग के पास ऐसे एनिकट या संरचनाएं जिनसे सिंचाई नहीं होती हैं की मरम्मत करवाए जाने का प्रावधान नहीं है। फिर भी नैतिकता के आधार पर गले में मिट्टी के कट्टे लगाकर पानी रोकने का प्रयास किया जाएगा।