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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित घोसुंडा बांध के गेट आखिर सोमवार सुबह 9:15 बजे खोल दिए गए। उदयपुर जिले में हुई बरसात के बाद लगातार पानी की आवक जारी है। ऐसे में घोसुंडा बांध भी लबालब भर गया और इसके गेट खोलने पड़े। वैसे तो घोसुंडा बांध के रख रखाव का काम हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड करता है। जिंक प्लांट पुठोली के लिए यहीं से पानी जाता है। लेकिन चित्तौड़गढ़ शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए भी एक रिजर्व कोटा रहता है। ऐसे में प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे। बांध अपनी क्षमता के अनुसार 23 फीट तक भर गया था, जिसके बाद 40 सेंटीमीटर तक दो गेट खोले गए। सायरन बजा कर सभी को अलर्ट किया गया। गेट खोलने का नजारा देखने के लिए आस-पास के गांव से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए थे। गत वर्ष गेट खोलने की नौबत नहीं आई थी, जिसके पीछे कारण यह था कि गत वर्ष पर्याप्त बरसात नहीं हुई है नहीं हुई थी। लेकिन इस बार चित्तौड़गढ़ उदयपुर जिले की सीमा के अलावा उदयपुर शहरी क्षेत्र में भारी बरसात के कारण बेड़च नदी में पानी की आवक हुई है। दो दिन पूर्व ही बड़गांव बांध लबालब भरा था, जिसका सारा पानी घोसुंडा बांध में आता है। ऐसे में घोसुंडा बांध सुबह 9 बजे के आसपास छलक गया। पानी की आवक को देखते हुए प्रशासन ने दो गेट खोलने का निर्णय किया है। यहां घोसुंडा बांध के गेट के ऊपर पूजा के बाद दो गेट खोल दिए गए हैं। गेट खोलने के दौरान जिला कलक्टर आलोक रंजन ने पूजा ने की। जिला कलक्टर ने बटन दबा कर गेट खोले। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर सहित प्रशासन एवं जिंक के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।