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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़।
राष्ट्रीय प्राकृतिक मिशन अंतर्गत चल रहे पांच दिवसीय कृषि सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कृषि सखियों का सीताफल एक्सीलेंस सेंटर पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के अंतर्गत फील्ड विजिट के लिए कृषि सखियों को राजस्थान सरकार कृषि विभाग द्वारा अधिकृत फर्म उन्नत किसान एग्रो इंडस्ट्रीज, सूरजपोल चित्तौड़गढ़ स्थित वर्मी कंपोस्ट यूनिट का भ्रमण कराया गया।
कार्यक्रम में डॉ. शंकर लाल जाट (उपनिदेशक उद्यान), डॉ. प्रेमचंद वर्मा (उपनिदेशक कृषि आत्मा), जोगिंदर सिंह राणावत (सहायक निदेशक उद्यान), मुकेश धाकड़ (निदेशक कृषि), गोपाल धाकड़ (कृषि अधिकारी सामान्य), दिनेश चंद्र जवर (सहायक कृषि अधिकारी), माया मीणा (कृषि पर्यवेक्षक) एवं भरत सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
डॉ. शंकर लाल जाट ने कृषि सखियों को बताया कि केंचुआ जमीन के स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा वर्मी कंपोस्ट खेती के लिए वरदान है। वहीं डॉ. प्रेमचंद वर्मा ने कहा कि प्राकृतिक खेती जीवन का अभिन्न अंग है। उन्होंने रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान और गोबर व केंचुए की उपयोगिता पर विस्तार से जानकारी दी।
कृषि सखियों ने वर्मी कंपोस्ट यूनिट का निरीक्षण कर इसकी कार्यप्रणाली को करीब से समझा और कहा कि इतना व्यवस्थित यूनिट राजस्थान में दुर्लभ है। बड़े स्तर पर यहां वर्मी कंपोस्ट उत्पादन एवं वर्मीवास तैयार किया जा रहा है, जो उनके लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा।
कार्यक्रम का मंच संचालन राकेश शर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन फर्म के प्रोप्राइटर दिलीप धाकड़ ने किया।