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सीधा सवाल। कानोड़। किसानों की जमीनों की गलत पैमाइश के मामले में वल्लभनगर के पूर्व विधायक व भाजपा नेता रणधीर सिंह भीण्डर द्वारा लिखे पत्र पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक्शन दिखाते हुए राजस्व विभाग को किसानों को राहत देने के लिए निर्देश दिये गये। इसके तहत ही राजस्व विभाग के शासन उपसचिव द्वारा भेजे गये पत्र पर अतिरिक्त निबंधक व प्रभारी अधिकारी ने टिप्पणी करके पत्र राजस्व विभाग को भेजा।
उल्लेखनीय हैं कि गत 6 सितम्बर को पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर अवगत करवाया कि जब से राजस्थान में भाजपा की सरकार आई है तब से सरकार लगातार जनकल्याणकारी योजनाएं ला रही हैं। खासकर किसानों की मदद के लिए हर वर्ष सहयोग राशि सीधे उनके खातों में भेज रही है। लगातार राजस्व एवं अन्य शिविर लगाकर आपकी सरकार उनकी मदद कर रही है। इन सब बातों से इतर आपके अधिकारी सरकार को यह नहीं बता रहे हैं कि पिछले सेटलमेंट में जो पैमाईश की गई थी वो बिल्कुल गलत थी उसमें हजारों त्रुटियां थी। किसी एक के खाते की जमीन दूसरे के खाते में कर दी तो कहीं जिसकी जमीन रोड के पास थी उसे पीछे और जो खेत पीछे था उसे आगे कर दिया। जब यह गलतियां अधिकारियों के सामने लाई जाती हैं तो वो कहते हैं कि 136 धारा में एसडीओ कोर्ट में केस कर दो। कुछ किसानों ने केस किये भी हैं तो वे कई वर्षों से फैसले का इंतजार कर रहे हैं। केस करने लिए वकील करना पड़ता है जिसको फीस देनी पड़ती है। गलती सरकारी अधिकारियों की और खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है। जबकि पुराने खाते और नये खाते को मिलाकर सुधार किया आ सकता है। इन मामलों की अधिकता व गंभीरता को देखते हुए पुराने सेटलमेंट को रहकर नई पैमाईश करने का आदेश दिलायें ताकि किसानों को सचमुच राहत मिल सके व उनका आर्थिक नुकसान नहीं हो। साथ ही लगने वाले शिविर में ऐसे मामलों को निपटाने का अधिकार भी दिया जाय। वरना अधिकारियों द्वारा लगाए जा रहे ये शिविर व्यर्थ हो जायेंगे किसानों के किसी काम के नहीं रहेंगे। इस मांग पर राजस्व विभाग के अधिकारियों ने उपशासन सचिव से मांग की हैं कि रिसर्वे के संबंध में अधिसूचना राजस्व विभाग स्तर से ही जारी की जाती है तथा सर्वे - रिसर्वे का कार्य भू-प्रबंध विभाग स्तर से करवाया जाता है। प्रासंगिक पत्र से पुराने सेटलमेंट को रद्द कर नई पैमाईश करने के आदेश बाबत लिखा है।