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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। गंभीर एवं असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए बुधवार को पैलिएटिव केयर वाहन को माननीय सांसद महोदय सी पी जोशी जिला जिला अध्यक्ष भाजपा रतनलाल गाडरी विधायक चंद्रभान सिंह आक्या एवं जिला कलेक्टर आलोक रंजन एवं प्रधान और भाजपा जिला महामंत्री रघुवीर शर्मा ने जिला अस्पताल से हरी झंडी दिखा कर वाहन को रवाना किया।.इस कार्यक्रम में डॉ तारा चंद गुप्ता सीएमएचओ, , डॉ पुनीत कुमार तिवारी डिप्टी सीएम एचओ ओर जिला कार्यक्रम अधिकारी भरत कुमार शर्मा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह वाहन घर-घर जाकर मरीजों को आवश्यक चिकित्सकीय सेवाएं, दवाएं और परामर्श उपलब्ध करवाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ताराचंद गुप्ता ने बतायाकी की टीम में नर्सिंग कार्मिक आशीष गाडरी हेमराज मीणा और अविनाश नर्सिंग कार्मिक के रूप में अपनी सेवाएं देंगे और घर-घर जाकर गंभीर रोगी का उपचार एवं सहायता प्रदान करेंगेजिला नोडल अधिकारी डॉ नरेश खत्री ने बताया कि परिजनो के बीच मिलेगा भावनात्मक सुख, असाध्य बुजुर्ग मरीजों को अब घर पर ही मिलेगा उपचार
राज्य सरकार ने असाध्य व गंभीर बीमारीयों से ग्रसित बुजुर्गो को घर बैठे उपचार देने की दिशा में होम बेस्ड पेलिएटिव केयर नामक योजना शुरू की है योजना के तहत अब 70 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे मरीजों को अस्पतालों में भर्ती नही रहना पडेगा जिनकी बीमारीयों का इलाज अब संभव नही है या जिनकी स्थिति ठीक नहीं है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तारा चंद गुप्ता ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजों को परिजनों के बीच रहकर अधिक मानसिक व भावनात्मक सुख देना है। गंभीर व असाध्य रोगों से ग्रसित लोग जो अंतिम अवस्था में हो उनका अस्पताल में उपचार करने के बजाय घर पर परिजनों के बीच रखना अधिक बेहतर है। उनको नर्सिंगकर्मी चिकित्सक की और से लिखी दवा देने के साथ लेने का तरीका बताएंगे।
जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की सूची तैयार की जाएगी जो अस्पताल जाकर उपचार कराने में असमर्थ हैं या जिनका उपचार अब घर पर किया जाना अधिक प्रभावी होगा। मरीज के अति गंभीर होने पर चिकित्सक से सलाह लेकर दवा में बदलाव करेंगे। इस पायलट प्रोजेक्ट होम बेस्ड पेलिएटिव केयर योजना के तहत कैंसर, लकवा सहित असाध्य रोगों के मरीजों की सूची तैयार की जाएगी।
राज्य सरकार ने असाध्य व गंभीर बीमारीयों से ग्रसित बुजुर्गो को घर बैठे उपचार देने की दिशा में होम बेस्ड पेलिएटिव केयर नामक योजना शुरू की है योजना के तहत अब 70 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे मरीजों को अस्पतालों में भर्ती नही रहना पडेगा जिनकी बीमारीयों का इलाज अब संभव नही है या जिनकी स्थिति ठीक नहीं है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तारा चंद गुप्ता ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजों को परिजनों के बीच रहकर अधिक मानसिक व भावनात्मक सुख देना है। गंभीर व असाध्य रोगों से ग्रसित लोग जो अंतिम अवस्था में हो उनका अस्पताल में उपचार करने के बजाय घर पर परिजनों के बीच रखना अधिक बेहतर है। उनको नर्सिंगकर्मी चिकित्सक की और से लिखी दवा देने के साथ लेने का तरीका बताएंगे।
जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की सूची तैयार की जाएगी जो अस्पताल जाकर उपचार कराने में असमर्थ हैं या जिनका उपचार अब घर पर किया जाना अधिक प्रभावी होगा। मरीज के अति गंभीर होने पर चिकित्सक से सलाह लेकर दवा में बदलाव करेंगे। इस पायलट प्रोजेक्ट होम बेस्ड पेलिएटिव केयर योजना के तहत कैंसर, लकवा सहित असाध्य रोगों के मरीजों की सूची तैयार की जाएगी।