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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले में सोमवार को घट स्थापना के साथ ही शारदीय नवरात्र महोत्सव का आगाज हो गया। जिले के सभी प्रमुख शक्तिपीठों पर सुबह से ही देवी के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली है। विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का रेला पहुंचा है। यहां दर्शनाथ लंबी कतार देखने को मिली है। सुबह मंगला आरती का सानिध्य पाने के लिए श्रद्धालु उत्सुक दिखे। सुरक्षा को लेकर भी माकूल व्यवस्थाएं की गई है
शारदीय नवरात्र महोत्सव की शुरुआत सोमवार को हुई है। चित्तौड़गढ़ जिले में दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर, बाण माता एवं अन्नपूर्णा मंदिर के अलावा बेगूं में जोगणिया माता, भदेसर उपखंड में आसावरामाताजी, राशमी में मरमीमाताजी चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर झांतलामाताजी प्रमुख शक्तिपीठ है। यहां नवरात्र महोत्सव में पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचे हैं। इन मंदिरों में घट स्थापना के साथ ही शारदीय नवरात्र महोत्सव के अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। वहीं श्रद्धालुओं का भारी रेला दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर पर देखने को मिला। सुबह मंगला आरती का सानिध्य पाने के लिए 5 बजे ही श्रद्धालु पहुंच गए। मंदिर के बाहर लंबी कतार दिखाई दी। सूरज चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में और भी इजाफा होने लगा। ऐसे में मंदिर के भीतर और बाहर तक लंबी-लंबी कतार थी। भक्त माता के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। नवरात्रि महोत्सवमें 9 दिन तक श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर कमेटी की ओर से दर्शनार्थ विशेष व्यवस्थाएं की गई है। एक गेट से प्रवेश तथा दूसरे गेट से निकासी का व्यवस्थाएं हैं। इससे कि श्रद्धालुओं को दर्शन में परेशानी नहीं हो। इसके अलावा सुरक्षा को लेकर दुर्ग स्थित पुलिस चौकी के अलावा पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त जाप्ता तैनात करना पड़ा है। मंदिर के महंत रामनारायण पुरी ने बताया कि नवरात्रि महोत्सव को लेकर मंदिर पर विशेष श्रृंगार एवं विद्युत सजावट भी की गई है। सीसी टीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। दर्शन के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। मंदिर दर्शनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके प्रयास किए हैं।
क्षतिग्रस्त सड़क से पद यात्रियों को हुई दिक्कत
बरसात तथा लंबे समय से रख रखाव नहीं होने के कारण चित्तौड़गढ़ शहर के अलावा दुर्ग की सड़कें भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। ऐसे में जगह-जगह गड्ढे और कंकड़ है। वहीं नवरात्रि में नौ ही दिन तक श्रद्धालु पैदल ही दर्शन के लिए आते हैं, जो कि पैरों में कुछ नहीं पहनते। ऐसे में क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने एवं जनप्रतिनिधियों ने दावा तो किया था कि नवरात्रि से पहले सड़कों की स्थिति सुधर जाएगी लेकिन दुर्ग पर ऐसा देखने को नहीं मिला। कुछ स्थानों पर जरूर पेचवर्क किया हुआ था।
झांतला माताजी में एक दिन पहले होती है घट स्थापना
चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित झांतला माताजी में चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा उदयपुर जिले से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। यहां नवरात्र महोत्सव के एक दिन पहले यानी अमावस्या को ही घट स्थापना हो जाती है तथा एक दिन पहले नवरात्र महोत्सव की पूर्णाहुति होती है। ऐसे में यहां रविवार को ही घट स्थापना कर दी गई थी और शारदीय नवरात्र महोत्सव के अनुष्ठान शुरू हो गए। यहां बड़ी संख्या में लकवा सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित लोग भी पहुंचे हैं।