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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सैनिक स्कूल चितौड़गढ़ में स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन स्कूल के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया एवं उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव के निर्देशन में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छता को दैनिक जीवन में आत्मसात करना तथा स्वच्छता के प्रति लोगों की दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाना है। अभियान के अंतर्गत विभिन्न रचनात्मक एवं सामाजिक गतिविधियाँ गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा हैं।
स्कूल के जनसम्पर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि सैनिक स्कूल चितौड़गढ़ में दिनांक 20 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। अभियान की शुरुआत स्कूल परिसर के सामान्य क्षेत्रों में सफाई अभियान से की गई। कैडेट्स, शिक्षकगण और स्टाफ ने मिलकर विद्यालय के हर कोने को स्वच्छ और सुंदर बनाने का बीड़ा उठाया। झाडू, कूड़ेदान, पोस्टर एवं नारों के माध्यम से स्वच्छता के महत्व को उजागर किया गया। विद्यालय में ठोस एवं गीले कचरे के लिए अलग-अलग रंगों के कूड़ेदान लगाए गए। इससे छात्रों को कचरे के पृथक्करण की शिक्षा मिली और पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व की भावना भी जागृत हुई। विद्यालय प्रांगण में व्यापक पौधारोपण कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें फलदार, छायादार और औषधीय पौधे लगाए गए। विद्यालय प्रशासन द्वारा स्वच्छता मित्रों (सफाईकर्मियों) के लिए एक विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस पहल से उनके स्वास्थ्य के प्रति सजगता बढ़ी और उन्हें आवश्यक परामर्श एवं प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया।
कैडेट्स ने स्कूल से बाहर निकल कर समाज के लिए सेवा भाव का परिचय दिया। बेडच नदी के तट पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें प्लास्टिक, बोतलें और अन्य कचरे को एकत्र कर
उचित ढंग से निपटाया गया। इस पहल से स्थानीय लोगों में भी जागरूकता फैली। प्राचार्य कर्नल जसरोटिया ने कहा कि, "हमारा उद्देश्य केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि छात्रों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है। स्वच्छता ही सेवा है का यह भाव हर छात्र में होना चाहिए।" इस अभियान ने छात्रों में देश सेवा की भावना को और भी प्रबल किया।