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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राज्य सरकार द्वारा आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ शिविर स्थल पर ही उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर सचमुच ग्रामीणों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं। ग्राम पंचायत सांगरिया में आयोजित ऐसे ही शिविर ने एक परिवार को बरसों से चली आ रही चिंता से मुक्त कर, उनके चेहरे पर मुस्कान ला दी।
ग्राम पंचायत सांगरिया निवासी श्रीमती धापू बाई, पत्नी रामचंद्र गुर्जर एवं गणेश, पुत्र रूपा गुर्जर अपने पुश्तैनी मकान का आधिकारिक पट्टा प्राप्त करने की मांग को लेकर बड़ीसादड़ी उपखण्ड की सांगरिया ग्राम पंचायत में 26 सितंबर को आयोजियत शिविर में पहुँचे। परिवार का यह मकान पीढ़ियों से चला आ रहा था, लेकिन पट्टा न होने के कारण वे मकान पर अपना विधिक मालिकाना हक साबित नहीं कर पा रहे थे। इस कारण उन्हें अनेक बार सामाजिक और वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
शिविर में उपस्थित होकर उन्होंने अपनी समस्या से शिविर प्रभारी, उपखण्ड अधिकारी को अवगत कराया। उपखण्ड अधिकारी ने तुरंत पंचायती राज विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। विभाग ने आवेदन प्राप्त कर त्वरित गति से विभागीय प्रक्रिया पूर्ण की और उसी शिविर के दौरान धापू बाई एवं गणेश गुर्जर को उनके पुश्तैनी मकान का आवासीय पट्टा जारी कर दिया।
पट्टा प्राप्त होने के बाद परिवार ने राहत और खुशी की सांस ली। यह सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उनके लिए भविष्य की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सम्मान का प्रतीक था। अब वे अपने मकान का न सिर्फ कानूनी रूप से मालिकाना हक रखते हैं, बल्कि इस आधार पर भविष्य में किसी भी प्रकार की शासकीय योजनाओं, ऋण सुविधा या मकान के पुनर्निर्माण/विकास में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी।
धापू बाई एवं गणेश गुर्जर ने इस कार्यवाही को “जीवन बदलने वाला क्षण” बताते हुए राजस्थान सरकार एवं ग्रामीण सेवा शिविर की इस अनूठी पहल की सराहना की और हृदय से आभार व्यक्त किया।