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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़।भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने आज प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान फसलों को हुई क्षति के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत संसदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ समेत सम्पूर्ण राजस्थान में प्रदान की गई राशि और लाभांवित होने वाले किसानों से संबंधित प्रश्न पूछे।
सीपी जोशी ने पिछले पांच वर्षों के दौरान संसदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ समेत सम्पूर्ण राजस्थान के अंतर्गत आने वाले जिलों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को हुई क्षति से संबंधित विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान की गई राशि का ब्यौरा, इनसे लाभांवित होने वाले किसानों की संख्या और राजस्थान राज्य सरकार से वर्तमान वर्ष के दौरान फसल की क्षति के संबंध में प्राप्त मांग सहित अन्य प्रश्न पूछे।
सांसद सीपी जोशी के प्रश्नों का जवाब कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देते हुए कहा कि राज्य सरकार की मुख्य जिम्मेदारी प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर आवश्यक राहत उपाय उपलब्ध कराना है। राहत उपाय शुरू करने के लिए राज्य सरकार के पास राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के रूप में फंड उपलब्ध होता है।
गंभीर प्रकृति की प्राकृतिक आपदाओं के लिए एसडीआरएफ के अलावा, अतिरिक्त वित्तीय सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) से विचार किया जाता है और स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार राज्य सरकार से प्राप्त ज्ञापन के आधार पर इसे मंजूरी दी जाती है।
इसके अलावा, भारत सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं, प्रतिकूल मौसम की घटनाओं से उत्पन्न फसल नुकसान/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और किसानों की आय को स्थिर करने के लिए खरीफ 2016 सीजन से उपज आधारित ’’प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’’ (पीएमएफबीवाई) और मौसम आधारित ’’पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना’’ (डब्ल्यूबीसीआईएस) शुरू की है।
इस योजना के तहत कटाई पूर्व से लेकर फसलोपरान्त नुकसान तक व्यापक जोखिम बीमा प्रदान किया जाता है।
इस योजना के तहत, दावों का भुगतान केवल उन किसानों को किया जाता है, जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा कराया है और राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित क्षेत्र/फसल में किसी भी अधिसूचित फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम का भुगतान किया है।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और उदयपुर जिलों में वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक पीएमएफबीवाई और आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत कुल 82,55,972 किसानों ने आवेदन किया था जिन्हें 957 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान चित्तौड़गढ़ जिले के 1,14,837 बाढ़ पीड़ित किसानों को 53,96,11,791 रूपये, प्रतापगढ़ जिले के 94,920 बाढ़ किसानों को 47,02,69,137 रूपये एवं उदयपुर जिले के 2,16,179 बाढ़ पीड़ित किसानों को 54,33,69,782 रूपये का भुगतान एसएमएफ और एसएमएफ के अलावा किया गया।
वर्ष 2020-21 के दौरान चित्तौड़गढ़ जिले के 7,928 बाढ़ पीड़ित किसानों को 36,974,514 रूपये, प्रतापगढ़ जिले के 12,146 बाढ़ पीड़ित किसानों को 5,54,23,775 रूपये एवं उदयपुर जिले के 89,941 बाढ़ पीड़ित किसानों को 18,15,03,967 रूपये का भुगतान एसएमएफ और एसएमएफ के अलावा किया गया।
वर्ष 2021-22 के दौरान चित्तौड़गढ़ जिले के 124 ओलावृष्टि पीड़ित किसानों को 11,80,845 रूपये, प्रतापगढ़ जिले के 3,763 सूखा पीड़ित किसानों को 2,80,75,795 रूपये, 1,146 बाढ़ पीड़ित किसानों को 88,69,682 रूपये, 35 कीट हमला से पीड़ित किसानों को 79,785 रूपये और उदयपुर जिले के 4,000 बाढ़ पीड़ित किसानों को 81,94,054 रूपये का भुगतान एसएमएफ और एसएमएफ के अलावा किया गया।
वर्ष 2022-23 के दौरान प्रतापगढ़ जिले के 5,435 बाढ़ पीड़ित किसानों को 2,61,57,971 रूपये, एवं उदयपुर जिले के 2,550 बाढ़ पीड़ित किसानों को 49,45,215 रूपये का भुगतान एसएमएफ और एसएमएफ के अलावा किया गया।
वर्ष 2023-24 के दौरान प्रतापगढ़ जिले के 47,737 बाढ़ पीड़ित किसानों को 28,69,39,702 रूपये का भुगतान एसएमएफ और एसएमएफ के अलावा किया गया। वर्ष 2024-25 के दौरान उदयपुर जिले के 14,027 ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों को 85,515,854 रूपये का भुगतान एसएमएफ और एसएमएफ के अलावा किया गया।
वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक पीएमएफवीवाई और आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत पुरे राजस्थान में सभी जिलों के 13 करोड़ 19 लाख 31 हजार 176 किसानों के आवेदनों को 20 हजार 830 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया।