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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। स्कूल ने 23 कैडेट्स को विभिन्न कौशल पाठ्यक्रमों में सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया, जिससे उनके व्यावसायिक और तकनीकी कौशल में वृद्धि हुई।
स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि वर्तमान में स्कूल के 80 कैडेट्स विभिन्न आधुनिक और उद्योग-अनुकूल पाठ्यक्रमों में पंजीकृत हैं, जिनमें प्रमुख रूप से नेटवर्क सिक्योरिटी, करियर काउंसलिंग जैसे विषय शामिल हैं। यह कदम सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा और सैनिक स्कूलों के छात्रों को एक बेहतर भविष्य के लिए सक्षम बनाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में न केवल शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करना है, बल्कि उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान करना है। कैडेट्स को उभरती हुई तकनीकों में दक्ष बनाने के उद्देश्य से जल्द ही ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे नवीन पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक तकनीक एवं उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करना है, जिससे वे न केवल भविष्य में बेहतर करियर अवसर प्राप्त कर सकें, बल्कि देश के तकनीकी एवं रक्षा क्षेत्रों में भी योगदान दे सकें। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ का यह प्रयास राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के तहत आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विद्यालय प्रबंधन और प्रशिक्षकों की टीम कैडेट्स को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।