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टीबी की समय पर पहचान, उपचार एवं रोकथाम को किया जाएगा सुदृढ़

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिले में चिकित्सा क्षय अनुभाग, की ओर से सम्पूर्ण जिले में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत की दिशा में विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। जिले में 24 मार्च, 2025 तक संचालित होने वाले इस अभियान का उद्देश्य टीबी (क्षय) रोग उन्मूलन को गति देना, समुदाय में टीबी की समय पर पहचान, उपचार एवं रोकथाम को सुदृढ़ करना है।
जिले में इस अभियान के सफल संचालन हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ताराचन्द्र गुप्ता, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राकेश कुमार भटनागर एवं अन्य अधिकारियों से अभियान सफल बनाने के संबंध में चर्चा की है। अभियान के अंतर्गत जिले की 91 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने के लिए चिन्हित किया गया है, इन पंचायतों में निम्न मापदंडों के आधार पर मेडिकल कॉलेज चित्तौड़गढ़ की टीम द्वारा वेरिफिकेशन करने के पश्चात आगामी विश्व क्षयरोग दिवस 24 मार्च पर जिला कलक्टर द्वारा टीबी मुक्त ग्राम पंचायतें को पुरस्कृत किया जाएगा।
अभियान के तहत प्रमुख इंडिकेटर
1. संदिग्ध टीबी मामलों की जांच प्रति 1000 जनसंख्या पर 30 से अधिक
2. नोटिफिकेशन दर प्रति 1000 जनसंख्या पर 1 से कम
3. उपचार सफलता दर 85ः से अधिक
4. ड्रग ससेप्टिबिलिटी टेस्ट 60ः से अधिक
5. निक्षय पोषण योजना का लाभ 100ः मरीजों को
6. निक्षय मित्र द्वारा पोषण किट वितरण 100ः निर्धारित किए गए हैं।
डीटीओ चित्तौडगढ ने बताया कि इस अभियान के तहत जिले में प्रत्येक टीबी रोगी को निक्षय मित्र योजना से जोड़ा जाए जिसके लिए सीएमएचओ एवं डीटीओ द्वारा 5 टीबी रोगी गोद लिए गए एवं समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 2-2 टीबी मरीजो को गोद लिया गया एवं चिन्हित पंचायत क्षे़त्र के चिकित्सा अधिकारीयों द्वारा अपनी पंचायत के 1-1 मरीज का पोषण सहायता दी जा रही है।
राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि इस अभियान के माध्यम से टीबी मुक्त राजस्थान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं और प्रत्येक ग्राम पंचायत को इस अभियान से जोड़ा जाए। अभियान की सफलता के लिए सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा तथा सभी हितधारकों को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
टीबी मुक्त पंचायत पहल
टीबी मुक्त भारत” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने टीबी मुक्त पंचायत” पहल शुरू की है। इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों को टीबी उन्मूलन में सक्रिय भागीदार बनाना है। पंचायतों के सहयोग से स्थानीय स्तर पर टीबी के खिलाफ अभियान तेज किया जा सकता है।
अभियान के तहत प्रमुख इंडिकेटर
1. संदिग्ध टीबी मामलों की जांच प्रति 1000 जनसंख्या पर 30 से अधिक
2. नोटिफिकेशन दर प्रति 1000 जनसंख्या पर 1 से कम
3. उपचार सफलता दर 85ः से अधिक
4. ड्रग ससेप्टिबिलिटी टेस्ट 60ः से अधिक
5. निक्षय पोषण योजना का लाभ 100ः मरीजों को
6. निक्षय मित्र द्वारा पोषण किट वितरण 100ः निर्धारित किए गए हैं।
डीटीओ चित्तौडगढ ने बताया कि इस अभियान के तहत जिले में प्रत्येक टीबी रोगी को निक्षय मित्र योजना से जोड़ा जाए जिसके लिए सीएमएचओ एवं डीटीओ द्वारा 5 टीबी रोगी गोद लिए गए एवं समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 2-2 टीबी मरीजो को गोद लिया गया एवं चिन्हित पंचायत क्षे़त्र के चिकित्सा अधिकारीयों द्वारा अपनी पंचायत के 1-1 मरीज का पोषण सहायता दी जा रही है।
राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि इस अभियान के माध्यम से टीबी मुक्त राजस्थान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं और प्रत्येक ग्राम पंचायत को इस अभियान से जोड़ा जाए। अभियान की सफलता के लिए सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा तथा सभी हितधारकों को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
टीबी मुक्त पंचायत पहल
टीबी मुक्त भारत” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने टीबी मुक्त पंचायत” पहल शुरू की है। इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों को टीबी उन्मूलन में सक्रिय भागीदार बनाना है। पंचायतों के सहयोग से स्थानीय स्तर पर टीबी के खिलाफ अभियान तेज किया जा सकता है।