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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र में राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियमों के नियम 295 के अंतर्गत विशेष उल्लेख प्रस्ताव के माध्यम से सदन में आयुर्वेद ग्रामीण सेवा नियम 2008 में चयनीत चिकित्सा अधिकारियों की पदोन्नति तथा प्रसाशनिक पदों के संशोधन एवं केडर रि-स्ट्रक्चर की मांग रखी।
विधानसभा में बोलते हुए विधायक आक्या ने कहा कि आयुर्वेद विभाग में संचालित दोनों कैडर (आयुर्वेद सेवा नियम 1973 एवं आयुर्वेद ग्रामीण सेवा नियम 2008) के पदों को मिलाकर विभाग में पदोन्नति हेतु निदेशालय आयुर्वेद विभाग द्वारा राज्य सरकार को कैडर रिव्यू का प्रस्ताव भिजवाया गया था, परंतु विभाग में कार्यरत (आयुर्वेद सेवा नियम) 1973 के अधिकारियों द्वारा आयुर्वेद ग्रामीण सेवा नियम 2008 से चयनित चिकित्सा अधिकारियों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए पदोन्नति में भेजे गए कैडर रिव्यू एवं पद्धति की प्रस्ताव में विधिक (नियम विरुद्ध) कर्मियों के कारण कैबिनेट में अनुमोदन के पश्चात भी कैडर मर्जर ड्रॉप कर दिया गया। इससे आयुर्वेदिक विभाग में कार्यरत ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को (संविधान के आर्टिकल 14 में दिए गए समानता का अधिकार) विभाग में पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है जबकि विभाग में जूनियर आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को पदोन्नत कर दिया गया है। विभाग द्वारा किए गए इस अन्याय के विरुद्ध ग्रामीण आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों ने याचिका दाखिल कराई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर ने दिनांक 22 सितंबर 2022, को 6 महीने में पदोन्नति सुनिश्चित करने के आदेश दिए। परन्तु माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात भी अभी तक आयुर्वेद ग्रामीण सेवा नियम में संशोधन और कैडर रि स्ट्रक्चर का आदेश नहीं हुआ है।
विधायक आक्या ने आयुर्वेद ग्रामीण सेवा नियम 2008 के कैडर में भी समयानुसार पदोन्नति एवं प्रशासनिक पदों का सृजन कर सेवा नियम 1973 की पदोन्नति की दिनांक से पदोन्नति करवा कर ग्रामीण कैडर के साथ न्याय करने की मांग की।
विधायक आक्या ने आयुर्वेद ग्रामीण सेवा नियम 2008 के कैडर में भी समयानुसार पदोन्नति एवं प्रशासनिक पदों का सृजन कर सेवा नियम 1973 की पदोन्नति की दिनांक से पदोन्नति करवा कर ग्रामीण कैडर के साथ न्याय करने की मांग की।