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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शंभूपुरा कस्बे के बाहरी इलाके में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक के पास करीब 5 फीट लंबे और 30 किलो वजनी मगरमच्छ को घूमते देखा। तेज़ी से फैली खबर के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई, कई लोग डर के मारे इधर-उधर भागते नजर आए।
मगरमच्छ की मौजूदगी की सूचना मिलते ही वन्यजीव रेस्क्यू एक्सपर्ट मनीष तिवारी को बुलाया गया। तिवारी के साथ मुबारिक खान, राजस्थान ग्रामीण बैंक के कर्मचारी पीयूष कांबले, राहुल वानखेड़े, कुलदीप शर्मा और अन्य सदस्यों की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने स्थिति का जायज़ा लिया और बिना जानवर या किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाए मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ने की योजना बनाई। करीब तीन से चार साल के इस मगरमच्छ को पूरी सावधानी और रणनीति से पकड़ा गया। इसके बाद उसे बस्सी वन्यजीव अभयारण्य ले जाया गया, जहां वन विभाग की देखरेख में उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया। मनीष तिवारी ने रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर संतोष जताते हुए कहा, "ऐसी परिस्थितियों में जानवर और इंसान दोनों की सुरक्षा अहम होती है। अगर लोगों को वन्यजीवों की समझ हो तो भविष्य में टकराव टाले जा सकते हैं। इस मौके पर सूरज सेन, चिराग उपाध्याय, दीपक उपाध्याय, विकास सुखवाल समेत कई ग्रामीण भी मौजूद रहे।