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मेजबान सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ रहा ओवरऑल चैंपियन

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में 21 जुलाई को शुरू हुआ प्रतिष्ठित अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेल समूह-सी और सांस्कृतिक मीट 2025 बुधवार को धूमधाम और जश्न के बीच संपन्न हो गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि चित्तौड़गढ़ के जिला कलेक्टर आलोक रंजन एवं विशिष्ट अतिथि कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया थे। स्कूल की उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव, प्रशासनिक अधिकारी मेजर सी श्रीकुमार, स्कूल के सीनियर मास्टर ओंकार सिंह एवं प्रतियोगिता के संयोजक मंजीत सिंह ने अतिथियों
का स्वागत किया। समारोह स्कूल के जगदीप धनकड़ स्पोर्ट्स एरीना में हुआ जहां मुख्य अतिथि ने आधिकारिक तौर पर मीट के समापन की घोषणा की।
स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि इस ग्रुप स्तरीय अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेलों में नौ सैनिक स्कूलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली, जिसमें मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के प्रतिभागी शामिल थे। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रकार की खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसका समापन मुख्य अतिथि द्वारा विजयी टीमों और व्यक्तिगत खिलाड़ियों को पदक और ट्रॉफी प्रदान करने के साथ हुआ। पूरी चैंपियनशिप में कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई जिसमें मेजबान सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ विभिन्न खेल विधाओं में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन की बदौलत ओवरऑल चैंपियन बनकर उभरा।
सैनिक स्कूल रीवा इस खेल प्रतियोगिता में उपविजेता रहा। सैनिक स्कूल मथुरा को बेस्ट अनुशासित टीम का खिताब मिला। सर्वश्रेष्ठ वॉलीबॉल खिलाड़ी का खिताब सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के कैडेट उमेश चंद ने जीता। सर्वश्रेष्ठ बास्केटबॉल खिलाड़ी का खिताब सैनिक स्कूल रीवा के कैडेट अनुराग ने जीता। बालिका वर्ग में सर्वश्रेष्ठ बास्केटबॉल खिलाड़ी का खिताब सैनिक स्कूल मैनपुरी की कैडेट अंशिका ने जीता।
मुख्य अतिथि ने सभी प्रतिभागियों को उनके समर्पण, खेल भावना और मीट के दौरान प्रदर्शित की गई सौहार्दपूर्ण भावना के लिए बधाई दी। उन्होंने खिलाड़ियों को कहा कि खेल सिर्फ शारीरिक फिटनेस तक सीमित नहीं है, यह मानसिक विकास और सामाजिक मेल-जोल का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। सैनिक स्कूल केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि यह ऐसे युवाओं की पाठशाला है, जो भविष्य में राष्ट्र की रक्षा के लिए समर्पित होते हैं। खेल के मैदान में पसीना बहाकर आप वही मूल्य सीखते हैं जो जीवन की कठिन परिस्थितियों में आपकी ढाल बनते हैं अनुशासन, संयम, टीम भावना, और नेतृत्व। खेलों का उद्देश्य केवल पदक जीतना नहीं होता। असली जीत तब होती है जब हम हार को भी सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हैं और जीत को विनम्रता से। खेल हमें सिखाते हैं कि जीवन में संघर्ष जरूरी है, लेकिन संघर्ष के साथ-साथ ईमानदारी, मेहनत और एकता भी उतनी ही जरूरी है।
ग्रुप स्तरीय अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम
राज्य के चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल में ग्रुप स्तरीय अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेलों के दौरान एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूल के शंकर मेनन सभागार में आयोजित हुई प्रतियोगिता की मुख्य अतिथि चित्तौड़गढ़ के आरटीओ नेमीचंद पारीक एवं विशिष्ट अतिथि कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया थे। निर्णायक मंडल में नरेश नूनिया, डॉ. ज्योति लाधा, एवं डॉ. श्यामसुंदर पारीक रहे जिन्होंने प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों का निष्पक्ष मूल्यांकन किया। स्कूल की उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव, प्रशासनिक अधिकारी मेजर सी श्रीकुमार, स्कूल के सीनियर मास्टर ओंकार सिंह एवं प्रतियोगिता के संयोजक मंजीत सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि ग्रुप स्तरीय अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेलों के दौरान एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन स्कूल के शंकर मेनन सभागार में हुआ। इस प्रतियोगिता की थीम 'संस्कृति' रखी गई थी, जिसके माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की विविधता और गौरव को प्रस्तुत किया गया। जिनमें सैनिक स्कूल रीवा (मध्यप्रदेश), सैनिक स्कूल मैनपुरी (उत्तरप्रदेश), सैनिक स्कूल इटावा, सैनिक स्कूल अमेठी (उत्तरप्रदेश), सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) एवं सैनिक स्कूल मथुरा (उत्तरप्रदेश) के कैडेट्स अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।
विभिन्न स्कूलों के कैडेट्स समूह नृत्य, गायन और नाटक जैसे विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी कलात्मक क्षमता का परिचय दिया। कैडेटों ने अपने अनुकरणीय अंग्रेजी नाटक और नृत्य से दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। कैडेटों की समूह नृत्य एवं समूह गीत प्रतियोगिताओं ने सभी दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस प्रतियोगिता में सैनिक स्कूल मैनपुरी प्रथम, सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ द्वितीय स्थान पर रहा। संगणक का कार्य गणित के वरिष्ट अध्यापक डी के शर्मा ने किया। अंत में मुख्य अतिथि ने विजेताओं को ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये एवं बधाई दी।
