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आयोजन प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को होने वाली परंपरा का हिस्सा है

सीधा सवाल
पाली के आर्य वीर दल द्वारा महर्षि दयानन्द सरस्वती व्यायाम शाला में द्वितीय मासिक बौद्धिक सत्र का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को होने वाली परंपरा का हिस्सा है, जिसमें आर्य वीर और वीरांगनाएं वैदिक संस्कृति, बौद्धिक चर्चा, और सामाजिक सुधार के लिए एकत्रित होते हैं। इस सत्र का मुख्य आकर्षण हवन अनुष्ठान रहा, जिसमें वेद मंत्रों का गान और आहुतियां दी गईं।हवन और वैदिक अनुष्ठानसत्र की शुरुआत आर्य वीर दल के सचिव और वैदिक विद्वान हनुमान आर्य के ब्रह्मात्व में हवन के साथ हुई। हनुमान आर्य ने अपनी विद्वत्ता के साथ हवन की प्रक्रिया का संचालन किया, जिसमें आर्य वीर और वीरांगनाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वेद मंत्रों का सामूहिक गान गूंजायमान हुआ, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक और पवित्र बना दिया। हवन में दी गई आहुतियों के माध्यम से पर्यावरण शुद्धि और सामाजिक कल्याण की भावना को बल मिला।मुख्य यजमान: पुखराज शर्माइस अवसर पर जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय के संस्थापक पुखराज शर्मा को मुख्य यजमान के रूप में सम्मानित किया गया। पुखराज शर्मा ने हवन में सक्रिय भागीदारी निभाई और आर्य वीर दल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "आर्य वीर दल का यह प्रयास न केवल वैदिक संस्कृति को जीवंत रखता है, बल्कि युवाओं में नैतिकता, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना को भी जागृत करता है।" उनकी उपस्थिति ने आयोजन को और भी गरिमामय बनाया।मासिक बौद्धिक सत्र की परंपराआर्य वीर दल, पाली द्वारा प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को मासिक बौद्धिक सत्र का आयोजन किया जाता है। यह सत्र न केवल वैदिक ज्ञान और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का माध्यम है, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों को दूर करने का भी एक मंच है। सत्र में बौद्धिक चर्चाएं, वेदों के महत्व, और महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों पर आधारित विषयों पर विचार-विमर्श किया जाता है। इसके साथ ही, युवाओं में शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेल, योग, और चरित्र निर्माण के शिविरों पर जोर दिया जाता है।आर्य वीर दल की भूमिकाआर्य वीर दल, आर्य समाज की युवा शाखा के रूप में, समाज सेवा और संस्कृति संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संगठन आपदा प्रबंधन, रक्तदान, और अकाल राहत जैसे कार्यों में प्रशासन का सहयोग करता है। इसके अलावा, युवाओं में राष्ट्रभक्ति, संस्कार, और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न शिविरों और कार्यक्रमों का आयोजन करता है। पाली में आर्य वीर दल की शाखा नियमित रूप से बौद्धिक कक्षाएं और व्यायाम प्रशिक्षण सत्र आयोजित करती है, जिससे युवाओं का सर्वांगीण विकास हो।
आयोजन का महत्व इस द्वितीय मासिक बौद्धिक सत्र में उपस्थित सदस्यों ने महर्षि दयानंद सरस्वती के सिद्धांतों और उनके द्वारा स्थापित आर्य समाज के 150 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर प्रकाश डाला। सत्र में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, और शिक्षा के महत्व पर भी चर्चा हुई। हवन के माध्यम से पर्यावरण शुद्धि का संदेश दिया गया, जो आर्य समाज के मूल सिद्धांतों में से एक है।
