views
स्वस्थ जीवनशैली के लिए आयुर्वेद दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन आज
सीधा सवाल। निम्बाहेड़ा।
कला साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग व राजस्थान संस्कृत अकादमी तथा श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निम्बाहेडा के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक सृजन पखवाडा के अंतर्गत भारतीय संस्कृति में व्रतपर्वोत्सव एवं उनकी वैज्ञानिकता विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। राजस्थान संस्कृत अकादमी, निदेशक डॉ. लता श्रीमाली ने अकादमी की संस्कृत संवर्धन योजनाओ का परिचय देते हुए कहा कि श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय में वैदिक अनुसन्धान हेतु सर्वश्रेष्ठ वातावरण एवं प्रयास किए जा रहे रहे है। सारस्वत वक्ता मदन मोहन मालवीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रो. डॉ. मनमोहन शर्मा ने आयुर्वेद के अनुसार भारतीय व्रत परम्परा में लंघन की उपयोगिता बताते हुए कहा कि शरीर को निरोग एवं बल से युक्त बनाए रखने के लिए व्रत पर्व तथा उत्सवो पर विशेष भोजन व्यवस्था का परिपालन करना चाहिए । मुख्यवक्ता एम. एल.एस. विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. नीरज शर्मा ने संस्कृत एवं आयुर्वेद की निर्भरता के साथ भारतीय जीवन शैली के विशेष नियमो के निर्वाह की अनिवार्यता बतायी। विशिष्ठ अतिथि राजकीय आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की चिकित्सा अधिकारी डॉ. सरोज मोड़ ने ऋतु चर्या के साथ भोजन की पद्धति पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम की अध्यक्षता चैयरपर्सन कैलाश मूंदड़ा द्वारा की गई ।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों ने संगोष्ठी में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्मिता शर्मा ने किया।
स्वस्थ जीवनशैली के लिए आयुर्वेद दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन आज
कल्याणनगरी के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य और आदर्श जीवनशैली के प्रति जागरूक करने के लिए श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के आयुर्वेद और योग प्राकृतिक चिकित्सालय की ओर से मंगलवार को आयुर्वेद दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम उपखंड कार्यालय के पीछे स्थित पेंशनर भवन के मेडिटेशन हॉल में प्रातः 11 बजे शुरू होगा। इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के कुलपति वैद्य प्रो. महेश दीक्षित मुख्य वक्ता के रूप में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और सही जीवनशैली पर विशेष व्याख्यान देंगे। आयोजकों ने सभी युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होकर स्वास्थ्य का लाभ उठाएं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि अच्छी नींद और स्वस्थ पाचन ही सबसे बड़ी संपत्ति है।