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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि भारत सरकार द्वारा महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 (केंद्रीय अधिनियम संख्या-14) लागू किया जा चुका है। यह अधिनियम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट www.wcd.gov.in तथा महिला एवं बाल विकास विभाग राजस्थान की वेबसाइट www.wcd.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है।
अधिनियम की धारा 4(1) के अनुसार प्रत्येक नियोक्ता (विभाग, उद्यम, संस्थान, कार्यालय आदि) को अपने कार्यस्थल पर आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है। ऐसे कार्यालय/इकाई जहाँ 10 या उससे अधिक कार्मिक कार्यरत हैं, वहाँ समिति का गठन कर अध्यक्ष एवं सदस्यों के नाम सहित उनका मोबाइल नंबर प्रदर्शित किया जाना आवश्यक है। साथ ही नियोक्ताओं द्वारा अधिनियम के अंतर्गत कार्यशालाओं एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन तथा वार्षिक प्रतिवेदन जिला कलक्टर/उप निदेशक महिला अधिकारिता, चित्तौड़गढ़ को भिजवाना आवश्यक है। अधिनियम की पूर्ण अनुपालना नहीं होने की स्थिति में संबंधित नियोक्ता के विरुद्ध अधिनियम 2013 के अनुसार दंड एवं शास्ति का प्रावधान है।
वन स्टॉप सेंटर, चित्तौड़गढ़ : वन स्टॉप सेंटर, महिला अधिकारिता विभाग परिसर (पुलिस थाना चंदेरिया के पीछे) में 24 घंटे संचालित है। यहाँ हिंसा से पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क परामर्श सेवाएँ, चिकित्सा सुविधा, विधिक एवं पुलिस सहायता तथा अस्थायी आश्रय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। निःशुल्क परामर्श हेतु दूरभाष नंबर 01472-294802 पर संपर्क किया जा सकता है।
महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र : जिले में वर्तमान में 8 महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों पर हिंसा/उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को परामर्श सेवाएँ, चिकित्सकीय, पुलिस एवं विधिक सहायता जैसी सुविधाएँ निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती हैं।