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निजी स्कूलों के संचालकों ने डीजीपी के नाम उदयपुर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
सीधा सवाल - उदयपुर
हाल ही में भरतपुर जिले में थानेदार द्वारा रोब झाड़कर निजी स्कूल संचालक से जबरन टीसी जारी करवाकर स्कूल से घसीटकर थाने ले जाने तथा बेवजह धारा 151 में पाबंद करने का प्रकरण थानेदार को भारी पड़ गया है, उक्त थानेदार के खिलाफ पूरे राजस्थान में निजी स्कूल संचालकों में भारी रोष व्याप्त है, हालांकि पुलिस विभाग ने तत्काल कार्यवाही करते हुए उसे लाइन हाजिर कर दिया था, लेकिन निजी स्कूल संचालक इस फौरी कारवाही से संतुष्ट होते नजर नहीं आ रहे है। स्कूल शिक्षा परिवार राजस्थान, स्कूल क्रांति संघ तथा अन्य कई संगठनों के आव्हान पर राजस्थान भर के निजी स्कूल संचालक ज्ञापन देकर सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे है। इसी क्रम में उदयपुर शहर के निजी स्कूल संचालकों के संगठन स्कूल शिक्षा परिवार के पदाधिकारियों ने सोमवार को जिला कलेक्टर के माध्यम से राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में भरतपुर जिले के खेड़ी मोड़ थाना क्षेत्र के एएसआई द्वारा एक निजी स्कूल में की गई अनुचित कार्यवाही का विरोध करते हुए, संबंधित अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई की मांग की गई।
संगठन के प्रतिनिधियों ने बताया कि उक्त एएसआई बिना किसी लिखित आदेश के स्कूल परिसर में पहुँचे, स्कूल प्रधानाचार्य से अभद्र व्यवहार किया और बिना जांच के टीसी से जुड़ी शिकायत को लेकर दबाव बनाया। यह कदम न केवल कानूनी प्रक्रिया के विपरीत है, बल्कि शिक्षण संस्थानों की गरिमा को भी ठेस पहुँचाता है।ज्ञापन में कहा गया है कि पुलिस को शिक्षा संस्थानों से जुड़े मामलों में संयम और संवेदनशीलता बरतनी चाहिए, क्योंकि विद्यालय बच्चों के भविष्य निर्माण के केंद्र हैं, न कि अपराध स्थल। संगठन ने यह भी चेतावनी दी कि यदि ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई, तो राज्यभर के निजी स्कूल संचालक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।इस अवसर पर संभाग प्रभारी सी.पी. रावल, संभाग अध्यक्ष गिरीश जोशी, समन्वयक अनुभव गौड़, जिला प्रभारी अशोक उदावत एवं स्कूल शिक्षा परिवार के कैलाश दास कामड, जमनालाल सिंधाम, रिजवान हसन खान, शंकर लाल कुम्हार, शोभना पंत, डी पी भटनागर, मोहनलाल लखारा, कंकू चौधरी, महेश सुहील, विनय दुबे, लोकेश कुमार, प्रकाश धाकड़ और प्रकाश शर्मा उपस्थित रहे। संचालकों का कहना था कि निजी स्कूल समाज निर्माण में सरकार के सहयोगी हैं, अपराधी नहीं अतः उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार आवश्यक है।