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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार सम्पूर्ण चित्तौडगढ न्याय क्षेत्र में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाना है। उसी उपलक्ष्य में सचिव सुनील कुमार गोयल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चित्तौडगढ द्वारा राजकीय कन्या महाविद्यालय, गांधीनगर, चित्तौड़गढ़ में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान सचिव गोयल ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे समग्र स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग है। यह हमारे दैनिक जीवन में सोचने, महसूस करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। यह इस बात पर भी प्रभाव डालता है कि हम तनाव से कैसे निपटते हैं, रिश्ते कैसे बनाते हैं और निर्णय कैसे लेते हैं। हालाँकि, कई संस्कृतियों में, मानसिक स्वास्थ्य को अभी भी एक वर्जित विषय माना जाता है, और मानसिक बीमारी को लेकर बहुत सारा कलंक है। यह कलंक लोगों को आवश्यक सहायता लेने से रोक सकता है। यही कारण है कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस इतना महत्वपूर्ण है। यह मानसिक स्वास्थ्य को एक वैश्विक प्राथमिकता बनाने में मदद करता है और सभी को इसके बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसी के साथ ही उन्होंनें नालसा एवं रालसा द्वारा संचालित मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवा योजना, 2024 और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के संबंध में भी जानकारी प्रदान की एवं साथ ही नशे के होने वाले दुष्प्रभावों व उनके निराकरण के लिए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न नशा मुक्ति केंद्रों के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान शिविर में भारती गहलोत पैनल अधिवक्ता एवं संदीप सेठिया प्रो-बोनो अधिवक्ता भी उपस्थित रहे।