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समस्याओं का हो रहा त्वरित समाधान
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। ग्रामीण सेवा शिविर के अंतर्गत जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से ग्रामीण जनजीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। शिविरों में आमजन की वर्षों पुरानी समस्याओं का त्वरित एवं पारदर्शी समाधान हो रहा है। ग्राम पंचायत कचूमरा और जरखाना में आयोजित शिविरों में कई उदाहरण सामने आए हैं, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं अब सीधे जनता तक पहुँच रही हैं।
ग्राम पंचायत कचूमरा में आयोजित शिविर में मुकेश जाट पुत्र शंकर जाट (नांदोली) तथा रामगिरी पुत्र केशर गिरी (कचूमरा) को उनकी वर्षों पुरानी पुश्तैनी भूमि का पट्टा जारी किया गया। दोनों परिवार लंबे समय से भूमि पर निवास कर रहे थे, परंतु वैधानिक दस्तावेज न होने के कारण सरकारी योजनाओं से वंचित थे। राजस्व विभाग द्वारा सत्यापन एवं भौतिक जांच के उपरांत उन्हें पट्टा प्रदान किया गया, जिससे उनकी कानूनी पहचान स्थापित हुई। ग्रामवासी बाबुड़ी पत्नी नंदलाल की वर्षों पुरानी नाम संबंधी त्रुटि का भी समाधान किया गया। गलत नाम दर्ज होने से उन्हें अपनी पैतृक संपत्ति पर अधिकार जताने में कठिनाइयाँ आ रही थीं। अधिकारियों ने तत्परता से दस्तावेजों की जांच कर नाम संशोधन कर दिया, जिससे न्याय और पहचान दोनों की पुनर्स्थापना हुई।
वहीं ग्राम पंचायत जरखाना में आयोजित शिविर में टी.बी. से पीड़ित शंकरलाल एवं गोमनलाल को निक्षय पोषण किट प्रदान की गई। अधिकारियों ने बताया कि यह किट टी.बी. रोगियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जिससे रोगियों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
इसके अलावा ग्राम सारथला के किसान उमाशंकर मेनारिया की समस्या का भी शिविर में तुरंत समाधान हुआ। उनके कृषि कनेक्शन के ट्रांसफार्मर में आग लगने से सिंचाई कार्य प्रभावित हुआ था। उन्होंने शिविर में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर बिजली विभाग ने तत्परता से ट्रांसफार्मर बदल कर आपूर्ति बहाल की, जिससे फसल को नुकसान से बचाया जा सका।
शिविरों में लाभान्वित ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण सेवा शिविर जैसी पहल से शासन सचमुच जनता के द्वार तक पहुँच रहा है और आमजन को अपने अधिकार, सुविधा व सम्मान का वास्तविक अनुभव हो रहा है।