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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केंद्र चित्तौड़गढ़ में शुक्रवार को प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली से लाइव प्रसारण के माध्यम से दिखाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशभर के किसानों को संबोधित किया और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में नई योजनाओं की जानकारी दी।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने बताया कि कार्यक्रम में जिले के 272 किसान और महिला कृषक सहित कृषि स्नातक एवं रावे विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री धन ध्यान कृषि योजना 2025 उन 100 जिलों पर केंद्रित है, जहां फसल उत्पादन कम है या किसानों को ऋण और तकनीक की कमी का सामना करना पड़ता है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय दोगुनी करना, कृषि उत्पादकता बढ़ाना और उन्हें आधुनिक तकनीकों से जोड़ना है।
कार्यक्रम में देवेन्द्र कंवर, प्रधान पंचायत समिति, चित्तौड़गढ़ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जैविक खेती और कृषि में नवाचार पर विशेष जोर दिया है। किसानों को आधुनिक तकनीक अपनाकर अपनी आय बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
इन्द्रा सुखवाल, नगर मंडल अध्यक्ष ने किसानों से कृषि विज्ञान केंद्र की गतिविधियों से जुड़ने और जैविक खेती को अपनाने का आह्वान किया। वहीं अलका चतुर्वेदी, नगर महामंत्री ने कहा कि जैविक खेती से जल, जमीन और पर्यावरण की सुरक्षा होगी, साथ ही उत्पादों की उचित कीमत मिलने पर किसान समृद्ध होंगे और मिट्टी की उत्पादकता भी बढ़ेगी।
कार्यक्रम में केंद्र की दीपा इन्दौरिया, संजय कुमार धाकड़, शंकर लाल सेन, घीसू लाल मीणा, बनवारी लाल, राजू लाल गुर्जर सहित कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।