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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ। राज्य सरकार द्वारा जनकल्याण की भावना से आरंभ की गई “ग्रामीण सेवा शिविर 2025” योजना का उद्देश्य ग्रामीण अंचल के लोगों को सरकारी सेवाओं एवं योजनाओं का लाभ उनके गाँव के द्वार तक पहुँचाना है। इसी क्रम में उपखण्ड प्रशासन बड़ीसादड़ी द्वारा 11 अक्टूबर 2025 को ग्राम पंचायत पारसोली एवं महुड़ा में शिविरों का आयोजन किया गया। शिविरों में सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी समस्याएँ रखीं, जिनका मौके पर ही निस्तारण किया गया। कई वर्षों से लंबित मामलों का समाधान हुआ, तो कई परिवारों ने राहत की साँस ली।
ग्राम पंचायत पारसोली – बिजली पोल की समस्या का त्वरित समाधान
शिविर के दौरान ग्राम पारसोली निवासी श्री देवीलाल सुथार ने शिकायत दर्ज करवाई कि उनके खेत में स्थित 11 केवी विद्युत पोल झुका हुआ है, जिससे गिरने एवं करंट लगने का खतरा बना हुआ है। शिकायत प्राप्त होते ही उपखंड अधिकारी महोदय ने त्वरित संज्ञान लेते हुए विद्युत विभाग के फीडर इंचार्ज को मौके पर भेजने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पोल को सीधा करवाया, टहनियाँ एवं बेलें हटाकर उसे सुरक्षित बनाया।
मात्र कुछ ही घंटों में इस समस्या के समाधान से ग्रामीण अत्यंत प्रसन्न हुए। श्री देवीलाल सुथार ने कहा – “सरकार की इस पहल ने हमें यह अनुभव कराया कि प्रशासन अब हमारे द्वार पर है। ग्रामीण सेवा शिविर वास्तव में जनसेवा का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।”
खेडीकलां में वर्षों पुराना पारिवारिक विवाद सुलझा
इसी शिविर में राजस्व ग्राम खेडीकलां के वादकारी पक्ष भंवरसिंह पिता लिम्बा एवं कल्याणसिंह पुत्र नारायण ने वर्षों से लंबित पैतृक संपत्ति विवाद का निपटारा करवाया।
राजस्थान कास्तकारी अधिनियम की धारा 53 के अंतर्गत दोनों पक्षों ने आपसी समझौते से सहमति दी और राजस्व विभाग द्वारा मौके पर ही सहमति विभाजन की कार्यवाही पूर्ण की गई। यह न केवल पारिवारिक सौहार्द का उदाहरण बना बल्कि प्रशासन की शीघ्र, पारदर्शी एवं संतोषजनक कार्यशैली का परिचायक भी रहा। दोनों पक्षों ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
ग्राम पंचायत महुड़ा – बिजली पोल का प्रतिस्थापन
ग्राम पंचायत महुड़ा में आयोजित शिविर में श्री प्रेमदास पिता हीरादास, निवासी उत्तरवाड़ा, ने बताया कि उनके खेत में स्थित 11 केवी पोल क्षतिग्रस्त होकर झुक गया है जिससे जानमाल की हानि का खतरा बना हुआ है। शिकायत सुनते ही उपखंड अधिकारी महोदय के निर्देशानुसार फीडर इंचार्ज को मौके पर भेजा गया। त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षतिग्रस्त पोल को हटाकर नया पोल स्थापित कर दिया गया।
श्री प्रेमदास ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा – “इतनी जल्दी समाधान की उम्मीद नहीं थी, ग्रामीण सेवा शिविर ने हमारी समस्या को तुरंत दूर कर दिया।”
खुमानसिंह का खेड़ा – पैतृक संपत्ति विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान
ग्राम खुमानसिंह का खेड़ा के निवासी उदयलाल पुत्र उंकारसिंह एवं गोपाल पुत्र उंकारसिंह के बीच वर्षों से चल रहे पैतृक भूमि विवाद का समाधान भी इसी शिविर में हुआ। दोनों भाइयों ने आपसी समझ और सौहार्द के साथ राजस्थान कास्तकारी अधिनियम की धारा 53 के अंतर्गत विभाजन करवाया। राजस्व विभाग द्वारा मौके पर ही कार्यवाही पूर्ण कर विभाजन आदेश जारी किए गए। यह निर्णय न केवल परिवार में शांति और सौहार्द लाया, बल्कि भविष्य में कानूनी विवादों से भी बचाव का मार्ग प्रशस्त किया।
जनकल्याणकारी पहल का जीवंत उदाहरण
उपखण्ड अधिकारी बड़ीसादड़ी ने कहा कि “ग्रामीण सेवा शिविर केवल समस्याओं के समाधान का मंच नहीं है, बल्कि यह जनविश्वास निर्माण की प्रक्रिया है। शासन-प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद ही सुशासन की सबसे बड़ी पहचान है।”
शिविरों के दौरान बिजली, राजस्व, सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल विकास, कृषि, जल संसाधन, पशुपालन सहित विभिन्न विभागों ने आमजन को योजनाओं की जानकारी प्रदान की और अनेक प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण किया।